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*इस व्रत में उपवास रखा जाता है।
 
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12:48, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • श्रवण नक्षत्र से युक्त भाद्रपद शुक्ल की द्वादशी को यह संज्ञा मिली है।
  • इस व्रत में उपवास रखा जाता है।
  • भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।[1]
  • विष्णुधर्मोत्तरपुराण[2] में आया है कि यदि भाद्रपद द्वादशी बुधवार को पड़े और श्रवण नक्षत्र में हो तो अत्यन्त महन्ती (महान से महान) की संज्ञा प्राप्त होती है।
  • विष्णुधर्मोत्तरपुराण[3] ने श्रवण द्वादशी के महात्म्य पर विस्तार से चर्चा की है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यरत्नाकर (286-287
  2. विष्णुधर्मोत्तरपुराण (1|161|1-8
  3. विष्णुधर्मोत्तरपुराण (1|162|1-71

अन्य संबंधित लिंक

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