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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है।  
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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है।  
 
*[[संक्रान्ति]] दिन पर नारियों को बुलाकर उन्हें कुंकुम, अंजन, सिन्दूर, पुष्प, इत्र, ताम्बूल, कर्पूर एवं फल देना चाहिए।  
 
*[[संक्रान्ति]] दिन पर नारियों को बुलाकर उन्हें कुंकुम, अंजन, सिन्दूर, पुष्प, इत्र, ताम्बूल, कर्पूर एवं फल देना चाहिए।  
 
*उनके पतियों को भी भोजन देना तथा वस्त्रों को जोड़ा देना चाहिए।  
 
*उनके पतियों को भी भोजन देना तथा वस्त्रों को जोड़ा देना चाहिए।  

18:29, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • संक्रान्ति दिन पर नारियों को बुलाकर उन्हें कुंकुम, अंजन, सिन्दूर, पुष्प, इत्र, ताम्बूल, कर्पूर एवं फल देना चाहिए।
  • उनके पतियों को भी भोजन देना तथा वस्त्रों को जोड़ा देना चाहिए।
  • एक वर्ष तक प्रत्येक संक्रान्ति पर अन्त में सूर्य पूजा की जाती है।
  • पत्नी वाले ब्राह्मण को गोदान करना चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि कर्ता को सुख प्राप्त होता है।[1]

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत0 2, 733, स्कन्दपुराण से उद्धरण)

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