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− | *इस कृत्य का विवरण नीलमतपुराण <ref>नीलमतपुराण (71, श्लोक 868-874</ref> में मिलता है जो केवल [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] के विषय में है।<ref>कृत्यरत्नाकर (254-301 | + | *इस कृत्य का विवरण नीलमतपुराण <ref>नीलमतपुराण (71, श्लोक 868-874</ref> में मिलता है जो केवल [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] के विषय में है।<ref>कृत्यरत्नाकर (254-301</ref>; व <ref>र्षक्रियाकौमुदी (298-343</ref>; <ref>निर्णयसिन्धु (123-144</ref>; <ref>कृत्यतत्त्व (438-444</ref>; <ref>स्मृतिकौस्तुभ (201-287</ref>; <ref>गदाधरपद्धति (कालसार अंश 24</ref> |
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12:55, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- इस कृत्य का विवरण नीलमतपुराण [1] में मिलता है जो केवल शुक्ल के विषय में है।[2]; व [3]; [4]; [5]; [6]; [7]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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