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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है।  
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*इस व्रत को 'बृहत्तपा' कहा जाता है।  
 
*इस व्रत को 'बृहत्तपा' कहा जाता है।  
 
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*एक या सोलह वर्षों तक यह व्रत किया जाता है।  
 
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*ऐसी मान्यता है कि  इस व्रत को करने से 'ब्रह्म-हत्या' का पाप भी कट जाता है।<ref>हेमाद्रि (काल, 105-106</ref>; <ref>पुरुषार्थचिन्तामणि (80</ref>; <ref> भविष्योत्तरपुराण (12</ref>
 
 
 
 
  
  
  
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12:54, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा पर आरम्भ किया जाता है।
  • इस व्रत को 'बृहत्तपा' कहा जाता है।
  • देवता, शिव हैं।
  • एक या सोलह वर्षों तक यह व्रत किया जाता है।
  • ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से 'ब्रह्म-हत्या' का पाप भी कट जाता है।[1]; [2]; [3]

 



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (काल, 105-106
  2. पुरुषार्थचिन्तामणि (80
  3. भविष्योत्तरपुराण (12

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