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*तिथिव्रत; एक [[वर्ष]] तक किया जाता है। | *तिथिव्रत; एक [[वर्ष]] तक किया जाता है। | ||
*16 अक्षरों वाले (ओं महाभगवत्यै महिषासुरमर्दिन्यै हुं फट्) मंत्र के साथ देवी पूजा की जाती है। | *16 अक्षरों वाले (ओं महाभगवत्यै महिषासुरमर्दिन्यै हुं फट्) मंत्र के साथ देवी पूजा की जाती है। | ||
*अग्नि में गुग्गुल डालकर [[शिव]] पूजा की जाती है। | *अग्नि में गुग्गुल डालकर [[शिव]] पूजा की जाती है। | ||
− | *अंगूठे एवं तर्जनी में घास का गुच्छा जब तक जलता रहे तब तक जितना खाया जा सके खाना चाहिए।<ref>हेमाद्रि (व्रत0 1, 899-900, देवीपुराण से उद्धरण | + | *अंगूठे एवं तर्जनी में घास का गुच्छा जब तक जलता रहे तब तक जितना खाया जा सके खाना चाहिए।<ref>हेमाद्रि (व्रत0 1, 899-900, देवीपुराण से उद्धरण</ref> |
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12:41, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- आश्विन शुक्ल नवमी पर यह व्रत किया जाता है।
- तिथिव्रत; एक वर्ष तक किया जाता है।
- 16 अक्षरों वाले (ओं महाभगवत्यै महिषासुरमर्दिन्यै हुं फट्) मंत्र के साथ देवी पूजा की जाती है।
- अग्नि में गुग्गुल डालकर शिव पूजा की जाती है।
- अंगूठे एवं तर्जनी में घास का गुच्छा जब तक जलता रहे तब तक जितना खाया जा सके खाना चाहिए।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत0 1, 899-900, देवीपुराण से उद्धरण
संबंधित लेख
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