पुत्रोत्पत्ति व्रत

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह नक्षत्र व्रत है।
  • एक वर्ष तक प्रत्येक श्रवण नक्षत्र पर यमुना में स्नान किया जाता है।
  • इससे वैसा ही पुत्र प्राप्त होता है, जैसा की शक्ति के पुत्र एवं वसिष्ठ के पौत्र पराशर को प्राप्त हुआ था।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 409, वराह पुराण से उद्धरण); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2|249-50, आदित्य पुराण से श्लोकों का उद्धरण)।

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