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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
 
*पर्याप्त सोने के साथ आसन्नप्रसवा गाय का दान किया जाता है।
 
*पर्याप्त सोने के साथ आसन्नप्रसवा गाय का दान किया जाता है।
 
*जो कर्ता उस दिन केवल दूध पर रहता है, वह सर्वोत्तम धाम को प्राप्त करता है और पुनः लौटकर नहीं आता है।<ref>[[मत्स्य पुराण]] (101-49); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 446)।</ref>
 
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13:29, 15 जून 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • पर्याप्त सोने के साथ आसन्नप्रसवा गाय का दान किया जाता है।
  • जो कर्ता उस दिन केवल दूध पर रहता है, वह सर्वोत्तम धाम को प्राप्त करता है और पुनः लौटकर नहीं आता है।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मत्स्य पुराण (101-49); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 446)।

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