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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
 
*एक वर्ष तक प्रतिदिन [[पंचामृत]] (दही, दूध, घी, मधु एवं ईख के रस) से शिवलिंग को स्नान कराना।  
 
*एक वर्ष तक प्रतिदिन [[पंचामृत]] (दही, दूध, घी, मधु एवं ईख के रस) से शिवलिंग को स्नान कराना।  
 
*वर्ष के अन्त में पंचामृत एवं शंख के साथ गौदान कराना होता है।<ref>[[मत्स्य पुराण]] (101|33-34); कृत्यकल्पतरु (व्रत0 444); हेमाद्रि (व्रत0 2, 865)।</ref>  
 
*वर्ष के अन्त में पंचामृत एवं शंख के साथ गौदान कराना होता है।<ref>[[मत्स्य पुराण]] (101|33-34); कृत्यकल्पतरु (व्रत0 444); हेमाद्रि (व्रत0 2, 865)।</ref>  
 
*[[विष्णु पुराण]] में [[शिव]] के स्थान पर [[विष्णु]] के स्नान का उल्लेख है।  
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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13:18, 15 जून 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • एक वर्ष तक प्रतिदिन पंचामृत (दही, दूध, घी, मधु एवं ईख के रस) से शिवलिंग को स्नान कराना।
  • वर्ष के अन्त में पंचामृत एवं शंख के साथ गौदान कराना होता है।[1]
  • विष्णु पुराण में शिव के स्थान पर विष्णु के स्नान का उल्लेख है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मत्स्य पुराण (101|33-34); कृत्यकल्पतरु (व्रत0 444); हेमाद्रि (व्रत0 2, 865)।

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