लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:00, 7 सितम्बर 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम। लोकडिवा तो लाजे मरे छे॥ध्रु०॥
हरी मंदिर जाता पाव लिया दुखे। फरा आवे सारूं गाम॥१॥
झगडो थाय त्यां दोडीनें जाया। मुक्तीनें बरना काम॥२॥
भांड भवैया गुणका नृत्य करता। बेशी रहे चारे ठाम॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर गुण गाऊं। चरणकमल चित्त काम॥४॥


संबंधित लेख