"कठण थयां रे माधव मथुरां जाई -मीरां" के अवतरणों में अंतर
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गोकुळमां एक रास रच्यो छे। कहां न कुबड्या संग अतक्योरे॥3॥ | गोकुळमां एक रास रच्यो छे। कहां न कुबड्या संग अतक्योरे॥3॥ | ||
कालीसी कुबजा ने आंगें छे कुबडी। ये शूं करी जाणे लटकोरे॥4॥ | कालीसी कुबजा ने आंगें छे कुबडी। ये शूं करी जाणे लटकोरे॥4॥ | ||
− | ये छे काळी ने ते छे। कुबडी रंगे रंग बाच्यो | + | ये छे काळी ने ते छे। कुबडी रंगे रंग बाच्यो चटकोरे॥5॥ |
− | मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। खोळामां घुंघट | + | मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। खोळामां घुंघट खटकोरे॥6॥ |
11:29, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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कठण थयां रे माधव मथुरां जाई। कागळ न लख्यो कटकोरे॥ध्रु०॥ |