"जब आग लगे... -रामधारी सिंह दिनकर" के अवतरणों में अंतर
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− | सीखो नित नूतन ज्ञान,नई परिभाषाएं, | + | सीखो नित नूतन ज्ञान, नई परिभाषाएं, |
− | जब आग लगे,गहरी समाधि में रम जाओ; | + | जब आग लगे, गहरी समाधि में रम जाओ; |
या सिर के बल हो खड़े परिक्रमा में घूमो। | या सिर के बल हो खड़े परिक्रमा में घूमो। | ||
− | ढब और कौन हैं चतुर बुद्धि-बाजीगर के? | + | ढब और कौन हैं चतुर बुद्धि - बाजीगर के? |
गांधी को उल्टा घिसो और जो धूल झरे, | गांधी को उल्टा घिसो और जो धूल झरे, | ||
उसके प्रलेप से अपनी कुण्ठा के मुख पर, | उसके प्रलेप से अपनी कुण्ठा के मुख पर, | ||
− | ऐसी नक्काशी गढो कि जो देखे,बोले, | + | ऐसी नक्काशी गढो कि जो देखे, बोले, |
− | आखिर,बापू भी और बात क्या कहते थे? | + | आखिर, बापू भी और बात क्या कहते थे? |
डगमगा रहे हों पांव लोग जब हंसते हों, | डगमगा रहे हों पांव लोग जब हंसते हों, | ||
− | मत चिढ़ो,ध्यान मत दो इन छोटी बातों पर | + | मत चिढ़ो, ध्यान मत दो इन छोटी बातों पर |
कल्पना जगदगुरु की हो जिसके सिर पर, | कल्पना जगदगुरु की हो जिसके सिर पर, | ||
वह भला कहां तक ठोस कदम धर सकता है? | वह भला कहां तक ठोस कदम धर सकता है? |
12:42, 20 अगस्त 2011 का अवतरण
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सीखो नित नूतन ज्ञान, नई परिभाषाएं, |
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