"मेरी चुनरी में परिगयो दाग पिया -कबीर" के अवतरणों में अंतर
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− | मेरी चुनरी में परिगयो | + | मेरी चुनरी में परिगयो दाग पिया। |
पांच तत की बनी चुनरिया | पांच तत की बनी चुनरिया | ||
सोरह सौ बैद लाग किया। | सोरह सौ बैद लाग किया। | ||
यह चुनरी मेरे मैके ते आयी | यह चुनरी मेरे मैके ते आयी | ||
ससुरे में मनवा खोय दिया। | ससुरे में मनवा खोय दिया। | ||
− | मल मल धोये | + | मल मल धोये दाग न छूटे |
ग्यान का साबुन लाये पिया। | ग्यान का साबुन लाये पिया। | ||
− | कहत कबीर | + | कहत कबीर दाग तब छुटि है |
जब साहब अपनाय लिया। | जब साहब अपनाय लिया। | ||
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11:15, 20 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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मेरी चुनरी में परिगयो दाग पिया। |
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