"मद भरे ये नलिन -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला" के अवतरणों में अंतर
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या पथिक से लोल - लोचन! कह रहे- | या पथिक से लोल - लोचन! कह रहे- | ||
− | "हम तपस्वी हैं, सभी | + | "हम तपस्वी हैं, सभी दु:ख सह रहे। |
गिन रहे दिन ग्रीष्म - वर्षा - शीत के; | गिन रहे दिन ग्रीष्म - वर्षा - शीत के; | ||
काल -ताल- तरंग में हम बह रहे। | काल -ताल- तरंग में हम बह रहे। |
14:03, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
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मद - भरे ये नलिन - नयन मलीन हैं; |
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