"कुरुक्षेत्र-कर्ण-कृष्ण और सार -रश्मि प्रभा" के अवतरणों में अंतर
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+ | ! रश्मि प्रभा की रचनाएँ | ||
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<poem> | <poem> | ||
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धंसे पहिये को निहारती | धंसे पहिये को निहारती | ||
जूझ रही थी | जूझ रही थी | ||
− | + | हृदय में उठते प्रश्नों के अविरल बवंडर में ... | |
- ऐसा क्यूँ . क्यूँ , क्यूँ ??? | - ऐसा क्यूँ . क्यूँ , क्यूँ ??? | ||
प्रवाहित होकर भी मैं बच गया | प्रवाहित होकर भी मैं बच गया | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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09:53, 24 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
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