अच्युतायु हिन्दू पौराणिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार कलिंगदेशीय क्षत्रिय तथा श्रुतायु के भाई थे।
- इन्होंने कौरवों की ओर से महाभारत युद्ध में भाग लिया था।
- रथियों में श्रेष्ठ श्रुतायु और अच्युतायु ने अपना लक्ष्य सामने पाकर अर्जुन तथा वृष्णिवंशी श्रीकृष्ण पर चारों ओर से बाण वर्षा करके चक्र, कूबर, रथ, अश्रव, ध्वज और पताका सहित उन्हें उस रणक्षैत्र में अदृश्य कर दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 10 |
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