कुवलयाश्व इक्ष्वाकु वंश के राजा बृहदश्व के पुत्र थे। इनके सौ पुत्र थे। कुवलयाश्व को 'धुंधमार' नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इन्होंने पिता के आदेश से 'धुंधु' नामक एक राक्षस का वध किया था। इसके वध की कथा विस्तारपूर्वक हरिवंश पुराण में वर्णित है।[1]
इन्हें भी देखें: इक्ष्वाकु वंश, भगीरथ एवं श्रीराम
|
|
|
|
|