चित्रलेखा वाणासुर के मंत्री उष्मांड की पुत्री थी। यह वाणासुर की कन्या उषा की सहेली थी।
- चित्रकला में चित्रलेखा अत्यन्त प्रवीण थी। जब उषा ने स्वप्न में देखे अनिरुद्ध का इससे वर्णन किया तो इसने उसका यथावत् चित्र बना दिया था। बाद में यहीं सोते हुए अनिरुद्ध को योगमाया से द्वारका से शोणितपुर ले आई थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय संस्कृति कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 331 |