स्विष्टकृत | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- स्विष्टकृत (बहुविकल्पी) |
स्विष्टकृत का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। यह बृहस्पति का छठा पुत्र माना जाता है।
- महाभारत वन पर्व के अनुसार प्रत्येक गृह्यकर्म में अग्नि के लिए सदा घी की धारा दी जाती है, जिसका प्रवाह उत्तराभिमुख होने से अभीष्ट फल प्राप्त होता है। अतएव इस अभीष्ट साधक उत्कृष्ट अग्नि का नाम 'स्विष्टकृत' है। [1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 545 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 219.21
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