संवह का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत शान्ति पर्व के अनुसार आकाश मार्ग से जाने वाले देववर्ग के विमानों को स्वयं चालित करने वाले एक वायुदेव को संवह कहते हैं। यह वेगवान वायुदेव पर्वतों तक का मान-मर्दन करने वाले हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 507 |
- ↑ महाभारत शान्ति पर्व 328.41-43
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