भीषणभैरव का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के उल्लेखानुसार यह श्रीकृष्ण के दाहिने नेत्र से प्रकट हुए थे, जो आठ भैरवों में से एक थे।[1]
- भैरव शिव के समान ही तेजस्वी थे। भैरव के आठ रूप माने गये हैं, जो कि निम्न हैं-
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्म वैवर्त पुराण पृ. 22