सिनीवाली का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। भागवत पुराण के अनुसार ये अंगिरा ऋषि की श्रद्धा से उत्पन्न चार पुत्रियों कुह, राका, और अनुमति में से एक पुत्री का नाम था।[1]
- महाभारत वन पर्व में इसे अंगिरा की तृतीय पुत्री[2] कहा गया है।
- इसका दूसरा नाम 'दृश्यादृश्या' कहा है, क्योंकि इसमें अत्यन्त क्षीण होने से चंद्रकला कभी दिखाई देती है और कभी नहीं।[3]
इन्हें भी देखें: महाभारत, अंगिरा एवं गौतम ऋषि
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 521 |
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