शक्रवापी का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रन्थ महाभारत[1] में हुआ है, जो कि गिरिव्रज के समीपवर्ती गौतम के आश्रम के निकट रहने वाले एक नाग का नाम था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 481 |
- ↑ महाभा. सभा पर्व 21.9; मत्स्य 148.81
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