व्युषिताश्व का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत के आदि पर्व[1] में हुआ है, जो कि एक पुरुवंशी धर्मात्मा राजा थे।
- इन्होंने विविध यज्ञों का अनुष्ठान किया था।
- राजा कक्षीवान की पुत्री भद्रा, जो अपने समय की अप्रितम सुन्दरी थीं, इनकी प्रिय पत्नी भी थीं।
- उनके प्रति अत्यन्त आसक्त होने के कारण क्षय रोग से इनकी असमायिक मृत्यु हो गयी थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 482 |
- ↑ महाभ. आदि. 120.7-19
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