सर्वदेवी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

सर्वदेवी नामक एक तीर्थ[1] का उल्लेख महाभारत, वनपर्व[2] में हुआ है-

'सर्वदेवी समासाद्य नागानां तीर्थमुत्तमम्। अग्निष्टोमपवाप्नोति नागलोकं च विन्दति। ततोगच्छेत् धर्मज्ञ द्वारपालं तरन्तुकम्।'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाठांतर 'सर्पदेवी'
  2. वनपर्व 83, 14 15
  3. पश्चिमी पाकिस्तान
  4. सभापर्व 32, 12
  5. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 943 |

संबंधित लेख