"गाधि": अवतरणों में अंतर

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'''गाधि''' [[विश्वामित्र]] के पिता के रूप में विख्यात हैं। [[वायु-पुराण]] के अनुसार गाधि 'कुशाश्व' के पुत्र थे। इनकी माता 'पुरुकुत्स' की कन्या थी। 'ऋचीक' ऋषि के दिये हुए चरु के प्रभाव से इनके विश्वामित्र नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। इस बालक में [[ब्राह्मण]] और [[क्षत्रिय]] दोनों के गुण विद्यमान थे। इनकी कन्या का नाम 'सत्यवती' था। ये कान्यकुब्ज देश के राजा थे। [[नाभादास]] के अनुसार इन्हीं की कन्या के पुत्र [[जमदग्नि]] मुनि हुए, जिनके आत्मज [[परशुराम]] कहे जाते हैं।
'''गाधि''' [[विश्वामित्र]] के पिता के रूप में विख्यात हैं। [[वायु पुराण]] के अनुसार गाधि 'कुशाश्व' के पुत्र थे। इनकी माता 'पुरुकुत्स' की कन्या थी। 'ऋचीक' ऋषि के दिये हुए चरु के प्रभाव से इनके विश्वामित्र नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। इस बालक में [[ब्राह्मण]] और [[क्षत्रिय]] दोनों के गुण विद्यमान थे। इनकी कन्या का नाम 'सत्यवती' था। ये कान्यकुब्ज देश के राजा थे। [[नाभादास]] के अनुसार इन्हीं की कन्या के पुत्र [[जमदग्नि]] मुनि हुए, जिनके आत्मज [[परशुराम]] कहे जाते हैं।
            
            



12:28, 8 अक्टूबर 2011 का अवतरण

गाधि विश्वामित्र के पिता के रूप में विख्यात हैं। वायु पुराण के अनुसार गाधि 'कुशाश्व' के पुत्र थे। इनकी माता 'पुरुकुत्स' की कन्या थी। 'ऋचीक' ऋषि के दिये हुए चरु के प्रभाव से इनके विश्वामित्र नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। इस बालक में ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों के गुण विद्यमान थे। इनकी कन्या का नाम 'सत्यवती' था। ये कान्यकुब्ज देश के राजा थे। नाभादास के अनुसार इन्हीं की कन्या के पुत्र जमदग्नि मुनि हुए, जिनके आत्मज परशुराम कहे जाते हैं।



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