वी शांताराम
वी शांताराम
| |
पूरा नाम | राजाराम वांकुडरे शांताराम |
अन्य नाम | अन्नासाहब |
जन्म | 18 नवंबर, 1901 |
जन्म भूमि | कोल्हापुर |
मृत्यु | 30 अक्टूबर, 1990 |
मृत्यु स्थान | मुंबई |
कर्म भूमि | महाराष्ट्र |
कर्म-क्षेत्र | फ़िल्म निर्देशक, अभिनेता |
मुख्य फ़िल्में | 'अमर कहानी', 'अमर भूपाली', 'झनक-झनक पायल बाजे', 'दो आँखेंं बारह हाथ', 'नवरंग'। |
विषय | नृत्य, संवाद, कथानक, संगीत |
पुरस्कार-उपाधि | 'फ़िल्मफेयर पुरस्कार', 'पद्म विभूषण', 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' |
प्रसिद्धि | फ़िल्म निर्देशक, फ़िल्मकार, अभिनेता |
नागरिकता | भारतीय |
राजाराम वांकुडरे शांताराम (अंग्रेज़ी: Rajaram Vankudre Shantaram, जन्म- 18 नवंबर, 1901, कोल्हापुर; मृत्यु- 30 अक्टूबर, 1990) एक कुशल निर्देशक, फ़िल्मकार, बेहतरीन अभिनेता थे। हिन्दी फ़िल्मों में बतौर निर्देशक शुरुआत करने वाले शांताराम ने डॉक्टर कोटनिस की 'अमर कहानी' (1946), 'अमर भूपाली' (1951), 'झनक-झनक पायल बाजे' (1955), 'दो आँखेंं बारह हाथ' (1957) और 'नवरंग' (1959) जैसी विविधतापूर्ण और गूढ़ अर्थों वाली फ़िल्में बनाकर अलग मुक़ाम हासिल किया था।
परिचय
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में 18 नवंबर, 1901 को एक जैन परिवार में जन्मे राजाराम वांकुडरे शांताराम ने बाबूराव पेंटर की महाराष्ट्र फ़िल्म कम्पनी में छोटे-मोटे काम से अपनी शुरुआत की थी। शांताराम ने नाममात्र की शिक्षा पायी थी। उन्होंने 12 साल की उम्र में रेलवे वर्कशाप में अप्रेंटिस के रूप में काम किया था। कुछ समय बाद वह एक नाटक मंडली में शामिल हो गए।