के. बालाचंदर
के. बालाचंदर
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पूरा नाम | कैलाशम बालाचंदर |
जन्म | 9 जुलाई, 1930 |
जन्म भूमि | मद्रास, ब्रिटिश भारत |
कर्म-क्षेत्र | निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक |
मुख्य फ़िल्में | 'अपूर्वा रागागल', 'अवर्गल', '47 नटकल', 'सिंधु भैरवी', 'एक दूजे के लिए' |
शिक्षा | स्नातक |
विद्यालय | अन्नामलाई विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्मश्री |
नागरिकता | भारतीय |
अद्यतन | 15:51, 22 सितम्बर 2012 (IST)
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के. बालाचंदर (अंग्रेज़ी: K. Balachander, जन्म: 9 जुलाई, 1930) एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता निर्देशक और पटकथा लेखक हैं। भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए वर्ष 2010 के लिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार वरिष्ठ फ़िल्मकार के. बालाचंदर को दिया गया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें स्वर्ण कमल और दस लाख रुपये नकद प्रदान किए गये। दक्षिण भारत के इस फ़िल्मकार ने हिन्दी फ़िल्म 'एक दूजे के लिए' से उत्तर भारत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
प्रारम्भिक जीवन
9 जुलाई, 1930 को तमिलनाडु के तंजावुर में जन्मे के. बालाचंदर ने 'अन्नामलाई विश्वविद्यालय' से 1949 में बी.एस.सी. किया। इसके बाद वह नौकरी करने लगे थे, किंतु नाटककार के रूप में उन्होंने 'मेजर चंद्रकांत', 'नीरकुमिझी', 'सरवर सुंदरम्' और 'नवग्रहम्' जैसे नाटक दिए। बाद में वह अभिनय में भी उतर आए। एम.जी. रामचंद्रन ने उनसे अपनी फ़िल्म के लिए संवाद भी लिखवाए। पिता-पुत्र संबंध पर आधारित उनकी फ़िल्म 'अपूर्व रागनगल' और तलाकशुदा जीवन पर बनी 'अवरगल' को पर्याप्त प्रसिद्धि मिली।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- बालाचंदर को दादा साहब फाल्के पुरस्कार
- फ़िल्मकार बालाचंदर को दादा साहब फाल्के पुरस्कार
- के. बालाचंदर
- के. बालाचंदर