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*मेनका स्वर्ग की सर्वसुन्दर अप्सरा थी।
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'''मेनका''' स्वर्ग की सर्वसुन्दर [[अप्सरा]] थी। देवराज [[इन्द्र]] ने [[विश्वामित्र|महर्षि विश्वामित्र]] के नये सृष्टि के निर्माण के तप से डर कर उनकी तपस्या भंग करने के लिए मेनका को [[पृथ्वी]] पर भेजा था। मेनका ने अपने रूप और सौन्दर्य से तपस्या में लीन विश्वामित्र का तप भंग कर दिया। विश्वामित्र ने मेनका से [[विवाह]] कर लिया और वन में रहने लगे। विश्वामित्र सब कुछ छोड़कर मेनका के ही प्रेम में डूब गये थे। मेनका से विश्वामित्र ने एक सुन्दर कन्या प्राप्त की, जिसका नाम [[शकुंतला]] रखा गया था। जब शकुंतला छोटी थी, तभी एक दिन मेनका उसे और विश्वामित्र को वन में छोड़कर स्वर्ग चली गई। विश्वामित्र का तप भंग करने में सफल होकर मेनका देवलोक लौटी तो वहाँ उसकी कामोद्दीपक शक्ति और कलात्मक सामर्थ्य की भूरि-भूरि प्रशंसा हुई और देवसभा में उसका आदर बहुत बढ़ गया।
*मेनका [[विश्वामित्र]] की पत्नी थी। कहा जाता है कि मेनका ने विश्वामित्र की कठोर तपस्या को भंग कर उनसे विवाह किया था। विश्वामित्र सब कुछ छोड़कर मेनका के प्रेम में डूब गये थे।
 
*मेनका की पुत्री का नाम [[शकुन्तला]] था।  
 
 
 
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13:50, 3 जून 2013 का अवतरण

मेनका स्वर्ग की सर्वसुन्दर अप्सरा थी। देवराज इन्द्र ने महर्षि विश्वामित्र के नये सृष्टि के निर्माण के तप से डर कर उनकी तपस्या भंग करने के लिए मेनका को पृथ्वी पर भेजा था। मेनका ने अपने रूप और सौन्दर्य से तपस्या में लीन विश्वामित्र का तप भंग कर दिया। विश्वामित्र ने मेनका से विवाह कर लिया और वन में रहने लगे। विश्वामित्र सब कुछ छोड़कर मेनका के ही प्रेम में डूब गये थे। मेनका से विश्वामित्र ने एक सुन्दर कन्या प्राप्त की, जिसका नाम शकुंतला रखा गया था। जब शकुंतला छोटी थी, तभी एक दिन मेनका उसे और विश्वामित्र को वन में छोड़कर स्वर्ग चली गई। विश्वामित्र का तप भंग करने में सफल होकर मेनका देवलोक लौटी तो वहाँ उसकी कामोद्दीपक शक्ति और कलात्मक सामर्थ्य की भूरि-भूरि प्रशंसा हुई और देवसभा में उसका आदर बहुत बढ़ गया।


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