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*देवबाहु आदि सप्त ऋर्षि थे, पृथ्वी के दोहन में ये बछड़ा बने थे।<ref>ब्रह्मा. 2.36.3; 51.64; 37.17.8 </ref>  
 
*देवबाहु आदि सप्त ऋर्षि थे, पृथ्वी के दोहन में ये बछड़ा बने थे।<ref>ब्रह्मा. 2.36.3; 51.64; 37.17.8 </ref>  
  
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05:43, 1 मार्च 2016 के समय का अवतरण

रैवत मनु हिन्दू मान्यताओं तथा पौराणिक ग्रन्थ महाभारत के उल्लेखानुसार चौदह मनु में से पाँचवें मनु का नाम था। ये प्रियव्रत के पुत्र तथा तामस मनु के भाई थे और बलि, विंध्य आदि इनके पुत्र थे।

  • विभु उस मन्वंतर के इंद्र थे तथा भूतरया देवता थे।
  • इस मन्वंतर में बैकुंठ ही विष्णु का रूप था[1]
  • देवबाहु आदि सप्त ऋर्षि थे, पृथ्वी के दोहन में ये बछड़ा बने थे।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 397-398 |

  1. भाग. 5.1.28; 8.5.2-5
  2. ब्रह्मा. 2.36.3; 51.64; 37.17.8

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