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'''गुलाबबाड़ी''' [[उत्तर प्रदेश]] के [[फ़ैज़ाबाद]] में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है कि 'गुलाबबाड़ी' का अर्थ है- "गुलाब का बाग़ीचा"। यह विशाल बाग़ीचा [[शुजाउद्दौला|नवाब शुजाउद्दौला]] और उनके [[परिवार]] की कब्रों को घेरे पूरे क्षेत्र में फैला है। इस बाग़ीचे को सन 1775 ई. में स्थापित किया गया था और इसमें कई प्रजातियों के गुलाब लगाये गए थे। गुलाब के पौधों को बड़ी सतर्कता के साथ लगाया गया है, जो पूरे बाग़ीचे को पारलौकिक दृश्य प्रदान करता है। इसी परिसर में एक इमामबाड़ा या इमाम की कब्र भी स्थित है, जो स्वंय में एक आकर्षण है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/faizabad/attractions/gulab-bari/|title=गुलाबबाड़ी, फ़ैज़ाबाद|accessmonthday=11 फ़रवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नेटिव प्लेनेट|language= हिन्दी}}</ref>
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'''गुलाबबाड़ी''' [[उत्तर प्रदेश]] के [[फ़ैज़ाबाद]] में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है कि 'गुलाबबाड़ी' का अर्थ है- "गुलाब का बाग़ीचा"। यह विशाल बाग़ीचा [[शुजाउद्दौला|नवाब शुजाउद्दौला]] और उनके [[परिवार]] की क़ब्रों को घेरे पूरे क्षेत्र में फैला है। इस बाग़ीचे को सन 1775 ई. में स्थापित किया गया था और इसमें कई प्रजातियों के [[गुलाब]] लगाये गए। गुलाब के पौधों को बड़ी सतर्कता के साथ लगाया गया है, जो पूरे बाग़ीचे को पारलौकिक दृश्य प्रदान करता है। इसी परिसर में एक इमामबाड़ा या इमाम की क़ब्र भी स्थित है, जो स्वंय में एक आकर्षण है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/faizabad/attractions/gulab-bari/|title=गुलाबबाड़ी, फ़ैज़ाबाद|accessmonthday=11 फ़रवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नेटिव प्लेनेट|language= हिन्दी}}</ref>
  
 
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*[[फ़ैज़ाबाद]] स्थित गुलाबबाड़ी का निर्माण स्वयं [[शुजाउद्दौला|नवाब शुजाउद्दौला]] ने 1719 से 1775 ई. में कराया था।
*सन 1753 ई. में नवाब शुजाउद्दौला के पिता [[नवाब सफ़दरजंग]] का इंतकाल हो जाने के बाद उनका पार्थिव शरीर भी कुछ समय के लिये यहाँ रखा गया था, जो बाद में [[दिल्ली]] ले जाया गया, लेकिन कब्र के निशान आज भी यहाँ मौजूद हैं। 1775 ई. में इंतकाल होने के बाद नवाब शुजाउद्दौला को भी यहीं सुपुर्दे खाक किया गया।<ref name="aa">{{cite web |url=http://hamarafaizabad.blogspot.in/2012/11/ky.html |title=क्या है फ़ैज़ाबाद की गुलाबबाड़ी|accessmonthday= 11 फ़रवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= हमारा फ़ैज़ाबाद|language= हिन्दी}}</ref>
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*सन 1753 ई. में नवाब शुजाउद्दौला के पिता [[नवाब सफ़दरजंग]] का इंतकाल हो जाने के बाद उनका पार्थिव शरीर भी कुछ समय के लिये यहाँ रखा गया था, जो बाद में [[दिल्ली]] ले जाया गया, लेकिन क़ब्र के निशान आज भी यहाँ मौजूद हैं। 1775 ई. में इंतकाल होने के बाद नवाब शुजाउद्दौला को भी यहीं सुपुर्दे खाक किया गया।<ref name="aa">{{cite web |url=http://hamarafaizabad.blogspot.in/2012/11/ky.html |title=क्या है फ़ैज़ाबाद की गुलाबबाड़ी|accessmonthday= 11 फ़रवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= हमारा फ़ैज़ाबाद|language= हिन्दी}}</ref>
 
*आज [[फ़ैज़ाबाद]] में जितनी भी ऐतिहासिक इमारतें हैं, वे शुजाउद्दौला या उनके मातहतों के द्वारा निर्मित हैं।
 
*आज [[फ़ैज़ाबाद]] में जितनी भी ऐतिहासिक इमारतें हैं, वे शुजाउद्दौला या उनके मातहतों के द्वारा निर्मित हैं।
 
*गुलाबबाड़ी की नायाब खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक थे। गुलाबबाड़ी के जो दरवाज़े बने हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक सीध में बने हैं और [[लखनऊ]] के हुसैनाबाद तक एक सीध में देखे जा सकते थे। नवाब शुजाउद्दौला इसमें आराम किया करते थे और यहीं से रियासत पर नज़र रखते थे।
 
*गुलाबबाड़ी की नायाब खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक थे। गुलाबबाड़ी के जो दरवाज़े बने हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक सीध में बने हैं और [[लखनऊ]] के हुसैनाबाद तक एक सीध में देखे जा सकते थे। नवाब शुजाउद्दौला इसमें आराम किया करते थे और यहीं से रियासत पर नज़र रखते थे।
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*यहाँ एक इमामबाड़ा और एक मस्जिद भी है, जहाँ नवाब साहब नमाज अदा किया करते थे, जहाँ आज भी मजलिसे और महफ़िलें हुआ करती हैं।
 
*यहाँ एक इमामबाड़ा और एक मस्जिद भी है, जहाँ नवाब साहब नमाज अदा किया करते थे, जहाँ आज भी मजलिसे और महफ़िलें हुआ करती हैं।
  

12:01, 5 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

गुलाबबाड़ी, फ़ैज़ाबाद
गुलाबबाड़ी, फ़ैज़ाबाद
विवरण 'गुलाबबाड़ी' फ़ैज़ाबाद स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक बाग़ीचा है, जिसमें कई प्रजातियों के गुलाब लगाये गए हैं।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला फ़ैज़ाबाद
निर्माण काल 1719 से 1775 ई. के मध्य
निर्माणकर्ता नवाब शुजाउद्दौला
संबंधित लेख फ़ैज़ाबाद, शुजाउद्दौला, सफ़दरजंग नवाब
अन्य जानकारी गुलाबबाड़ी के मक़बरे में नवाब शुजाउद्दौला के वालिद नवाब सफ़दरजंग उनकी माँ मोती बेगम और खुद नवाब शुजाउद्दौला की क़ब्र लाइन से बनी हैं। कुछ समय बाद नवाब सफ़दरजंग की क़ब्र को दिल्ली भेज दिया गया था।

गुलाबबाड़ी उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है कि 'गुलाबबाड़ी' का अर्थ है- "गुलाब का बाग़ीचा"। यह विशाल बाग़ीचा नवाब शुजाउद्दौला और उनके परिवार की क़ब्रों को घेरे पूरे क्षेत्र में फैला है। इस बाग़ीचे को सन 1775 ई. में स्थापित किया गया था और इसमें कई प्रजातियों के गुलाब लगाये गए। गुलाब के पौधों को बड़ी सतर्कता के साथ लगाया गया है, जो पूरे बाग़ीचे को पारलौकिक दृश्य प्रदान करता है। इसी परिसर में एक इमामबाड़ा या इमाम की क़ब्र भी स्थित है, जो स्वंय में एक आकर्षण है।[1]

  • फ़ैज़ाबाद स्थित गुलाबबाड़ी का निर्माण स्वयं नवाब शुजाउद्दौला ने 1719 से 1775 ई. में कराया था।
  • सन 1753 ई. में नवाब शुजाउद्दौला के पिता नवाब सफ़दरजंग का इंतकाल हो जाने के बाद उनका पार्थिव शरीर भी कुछ समय के लिये यहाँ रखा गया था, जो बाद में दिल्ली ले जाया गया, लेकिन क़ब्र के निशान आज भी यहाँ मौजूद हैं। 1775 ई. में इंतकाल होने के बाद नवाब शुजाउद्दौला को भी यहीं सुपुर्दे खाक किया गया।[2]
  • आज फ़ैज़ाबाद में जितनी भी ऐतिहासिक इमारतें हैं, वे शुजाउद्दौला या उनके मातहतों के द्वारा निर्मित हैं।
  • गुलाबबाड़ी की नायाब खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक थे। गुलाबबाड़ी के जो दरवाज़े बने हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक सीध में बने हैं और लखनऊ के हुसैनाबाद तक एक सीध में देखे जा सकते थे। नवाब शुजाउद्दौला इसमें आराम किया करते थे और यहीं से रियासत पर नज़र रखते थे।
  • लखौरी-ईंट से निर्मित नायाब खूबसूरती लिये गुलाबबाड़ी में गुलाब के फूलों की कई दुर्लभ किस्में हुआ करती थीं, जिसमें नवाब साहब सैर किया करते थे।
  • गुलाबबाड़ी के मक़बरे में नवाब शुजाउद्दौला के वालिद नवाब सफ़दरजंग उनकी माँ मोती बेगम और खुद नवाब शुजाउद्दौला की क़ब्र लाइन से बनी हैं। कुछ समय बाद नवाब सफ़दरजंग की क़ब्र को दिल्ली भेज दिया गया था।[2]
  • यहाँ एक इमामबाड़ा और एक मस्जिद भी है, जहाँ नवाब साहब नमाज अदा किया करते थे, जहाँ आज भी मजलिसे और महफ़िलें हुआ करती हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गुलाबबाड़ी, फ़ैज़ाबाद (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 11 फ़रवरी, 2015।
  2. 2.0 2.1 क्या है फ़ैज़ाबाद की गुलाबबाड़ी (हिन्दी) हमारा फ़ैज़ाबाद। अभिगमन तिथि: 11 फ़रवरी, 2015।

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