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==कृषि==
 
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असम राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है। कृषि यहाँ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। चावल इस राज्य की मुख्य खाद्य फ़सल है और [[जूट]], [[चाय]], कपास, तिलहन, गन्ना और आलू आदि यहाँ की नकदी फ़सलें हैं। राज्य की प्रमुख बाग़वानी फ़सलें संतरा, केला, अनन्नास, सुपारी, नारियल, अमरूद, आम, कटहल और [[नीबू]] आदि हैं। इन सभी की खेती छोटे स्तर पर की जाती है। इस राज्य में लगभग 39.44 लाख हेक्टयर भूमि कुल खेती योग्य भूमि है। इसमें से क़रीब 27.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही खेती की जाती है।
 
असम राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है। कृषि यहाँ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। चावल इस राज्य की मुख्य खाद्य फ़सल है और [[जूट]], [[चाय]], कपास, तिलहन, गन्ना और आलू आदि यहाँ की नकदी फ़सलें हैं। राज्य की प्रमुख बाग़वानी फ़सलें संतरा, केला, अनन्नास, सुपारी, नारियल, अमरूद, आम, कटहल और [[नीबू]] आदि हैं। इन सभी की खेती छोटे स्तर पर की जाती है। इस राज्य में लगभग 39.44 लाख हेक्टयर भूमि कुल खेती योग्य भूमि है। इसमें से क़रीब 27.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही खेती की जाती है।
 
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==सांस्कृतिक जीवन==
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[[असम]] का सांस्कृतिक जीवन विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों एवं धार्मिक केंद्रों, जैसे सत्र एवं नमोगृह की गतिविधियों से गुंथा हुआ है। पिछले 400 सालों से असम में सत्र ही वहाँ की जनता के धार्मिक एवं सामाजिक कल्याण की देखरेख कर रहे हैं। असमी लोग [[हिन्दू धर्म]] के सभी त्योहारों को मानते हैं, लेकिन उनका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पर्व बिहु है, जो वर्ष में तीन बार मनाया जाता है। मूलत: ये कृषि पर्व हैं, जिन्हें लोग धर्म और जाति के भेदभाव को भूलकर हर्षोंल्लास से मनाते हैं। पहला और मुख्य बिहु पर्व वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला बोहांग बिहु (मध्य अप्रैंल हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से वैशाख मास का पहला दिन) है, जो नए वर्ष के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। इसे रंगोली (यहाँ रंग अर्थ उल्लास एवं आनंद) बिहु के नाम से भी जाना जाता है। यह नृत्य और संगीत का उत्सव है। इस दिन स्त्रियाँ अपने परिवार के सदस्यों को हाथ से बुना हुआ गमछा भेंट में देती हैं। दूसरा माघ बिहु (मध्य जन. हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से माघ मास) फ़सल कटने के उपलक्ष्य में मानाया जाता है। भोगाली बिहु (भोग का अर्थ उल्लास एवं भोज) के नाम से प्रसिद्ध यह प्रीतिभोज एवं आग जलाकर खुशियाँ मनाने का पर्व है। तीसरे और अंतिम कटि बिहु (मध्य अक्तू।) को कंगाली बिहु के नाम से जाना जाता है, क्योंकि वर्ष के इस भाग में आम आदमी का घर अगली फ़सल कटाई से पहले भंडारण के खत्म हो जाने के कारण खाद्यान्न रहित हो जाता है। बुनाई असम के लोगों, विशेषकर महिलाओं के सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। प्रत्येक असमी घर में, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या समाज का हो, कम से कम एक हथकरघा अवश्य देखने को मिल जाएगा। हर स्त्री का महीन रेशम एवं सूती वस्त्रों के उत्पादन की कला में पारंगत होना अनिवार्य है।
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;त्योहार
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*असम में अनेक रंगारंग त्योहार मनाए जाते हैं। 'बिहू' असम का मुख्य पर्व है।
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*यह वर्ष में तीन बार मनाया जाता है- 'रंगाली बिहू' या 'बोहाग बिहू' फ़सल  की बुआई की शुरूआत का प्रतीक है।
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*इसी से नए वर्ष का शुभारंभ भी होता है। 'भोगली बिहू' या 'माघ बिहू' फ़सल की कटाई का त्योहार है और 'काती बिहू' या 'कांगली बिहू' शरद ऋतु का एक मेला है।
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*लगभग सभी त्योहार धार्मिक कारणों से मनाए जाते हैं।
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*वैष्णव लोग प्रमुख वैष्णव संतों की जयंती तथा पुण्यतिथि पर  भजन गाते हैं और परंपरागत नाट्य शैली में 'भावना' नामक नाटकों का मंचन करते हैं।
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*[[कामाख्या पीठ|कामाख्या मंदिर]] में अंबुबाशी और उमानंदा तथा शिव मंदिरों के पास अन्य स्थानों पर शिवरात्रि मेला, दीपावली, अशोक अष्टमी मेला, पौष मेला, परशुराम मेला, अंबुकाशी मेला, दोल-जात्रा, ईद, क्रिसमस और दुर्गा पूजा, आदि धार्मिक त्योहार राज्य भर में श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं।
 
==विशेषताएँ==
 
==विशेषताएँ==
 
*असम अपने जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। वन संपदा कुल क्षेत्रफल का 22.21 प्रतिशत है।
 
*असम अपने जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। वन संपदा कुल क्षेत्रफल का 22.21 प्रतिशत है।
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*कला और हस्तशिल्प से सम्बंधित कुटीर उद्योगों के लिए असम सदैव विख्यात रहा है। हथकरघा, रेशम, बेंत और बांस की वस्तुएं, गलीचों की बुनाई, काष्ठ शिल्प, पीतल आदि धातुओं के शिल्प प्रमुख कुटीर उद्योग हैं। असम में विभिन्न प्रकार का रेशम - एंडी, मूँगा, टसर आदि का उत्पादन होता है। मूँगा नामक रेशम की किस्म का उत्पादन विश्व  भर में सिर्फ़ असम में ही होता है।
 
*कला और हस्तशिल्प से सम्बंधित कुटीर उद्योगों के लिए असम सदैव विख्यात रहा है। हथकरघा, रेशम, बेंत और बांस की वस्तुएं, गलीचों की बुनाई, काष्ठ शिल्प, पीतल आदि धातुओं के शिल्प प्रमुख कुटीर उद्योग हैं। असम में विभिन्न प्रकार का रेशम - एंडी, मूँगा, टसर आदि का उत्पादन होता है। मूँगा नामक रेशम की किस्म का उत्पादन विश्व  भर में सिर्फ़ असम में ही होता है।
 
*नागारिक विमानों की नियमित उड़ानें गोपीनाथ बाड़दोलाई हवाई अड्डा ([[गुवाहाटी]]), सलोनीबाड़ी (तेजपुर), मोहनबाड़ी (उत्तरी लखीमपुर), कुंभीरग्राम (सिलचर), और रोवरियाह (जोरहाट) से होती हैं।
 
*नागारिक विमानों की नियमित उड़ानें गोपीनाथ बाड़दोलाई हवाई अड्डा ([[गुवाहाटी]]), सलोनीबाड़ी (तेजपुर), मोहनबाड़ी (उत्तरी लखीमपुर), कुंभीरग्राम (सिलचर), और रोवरियाह (जोरहाट) से होती हैं।
*असम में अनेक रंगारंग त्योहार मनाए जाते हैं। 'बिहू' असम का मुख्य पर्व है। यह वर्ष में तीन बार मनाया जाता है- 'रंगाली बिहू' या 'बोहाग बिहू' फ़सल  की बुआई की शुरूआत का प्रतीक है। इसी से नए वर्ष का शुभारंभ भी होता है। 'भोगली बिहू' या 'माघ बिहू' फ़सल की कटाई का त्योहार है और 'काती बिहू' या 'कांगली बिहू' शरद ऋतु का एक मेला है।
 
 
[[चित्र:Assam-Handicrafts.jpg|thumb|250px|left|असम में [[कला]] और हस्तशिल्प]]
 
[[चित्र:Assam-Handicrafts.jpg|thumb|250px|left|असम में [[कला]] और हस्तशिल्प]]
*लगभग सभी त्योहार धार्मिक कारणों से मनाए जाते हैं। वैष्णव लोग प्रमुख वैष्णव संतों की जयंती तथा पुण्यतिथि पर  भजन गाते हैं और परंपरागत नाट्य शैली में 'भावना' नामक नाटकों का मंचन करते हैं। [[कामाख्या पीठ|कामाख्या मंदिर]] में अंबुबाशी और उमानंदा तथा शिव मंदिरों के पास अन्य स्थानों पर शिवरात्रि मेला, दीपावली, अशोक अष्टमी मेला, पौष मेला, परशुराम मेला, अंबुकाशी मेला, दोल-जात्रा, ईद, क्रिसमस और दुर्गा पूजा, आदि धार्मिक त्योहार राज्य भर में श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं।
 
 
*गुवाहाटी में तथा उसके आसपास प्रमुख पर्यटन स्थलों में कामाख्या मंदिर, उमानंदा (मयूरद्वीप), नवग्रह मंदिर वशिष्ठ आश्रम, डोलगोबिंद, गांधी मंडप, राज्य का चिडियाघर, राज्य संग्रहालय, शुक्रेश्वर मंदिर, गीता मंदिर, पुरातत्त्व की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मदन कामदेव मंदिर और सरायघट पुल आदि प्रसिद्ध हैं।
 
*गुवाहाटी में तथा उसके आसपास प्रमुख पर्यटन स्थलों में कामाख्या मंदिर, उमानंदा (मयूरद्वीप), नवग्रह मंदिर वशिष्ठ आश्रम, डोलगोबिंद, गांधी मंडप, राज्य का चिडियाघर, राज्य संग्रहालय, शुक्रेश्वर मंदिर, गीता मंदिर, पुरातत्त्व की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मदन कामदेव मंदिर और सरायघट पुल आदि प्रसिद्ध हैं।
 
*अन्य दर्शनीय स्थल हैं -
 
*अन्य दर्शनीय स्थल हैं -

12:29, 7 जून 2011 का अवतरण

India-flag.gif
असम
Assam-Map.jpg
राजधानी दिसपुर
राजभाषा(एँ) असमिया भाषा, बोडो भाषा, कार्बी भाषा
स्थापना 15 अगस्त, 1947
जनसंख्या 26,655,528 [1]
· घनत्व 340 [2] /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किमी
भौगोलिक निर्देशांक 26°09′N 91°46′E
जलवायु उष्णकटिबंधीय
तापमान औसत 23 °C
· ग्रीष्म 38 °C
· शरद 8 °C
ज़िले 27 [2]
सबसे बड़ा नगर गुवाहाटी
मुख्य पर्यटन स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, कामाख्या पीठ, भीमशंकर ज्योतिर्लिंग
लिंग अनुपात 1000 : 965 ♂/♀
साक्षरता 64.28%
· स्त्री 54.60%
· पुरुष 71.30%
राज्यपाल जानकी बल्लभ पटनायक [2]
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई [2]
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
Assam-Logo.png
  • असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है।
  • असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है।
  • असम भारत का एक सरहदी राज्य है।
  • भारत-भूटान और भारत-बांग्लादेश सरहद कुछ हिस्सों में असम से जुडी है।
  • यहाँ पर कपिली नदी और ब्रह्मपुत्र नदी भी बहती है।

इतिहास

विद्वानों का मत है कि 'असम' शब्द संस्कृत के 'असोमा' शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है अनुपम या अद्वितीय। किन्तु अधिकतर विद्वानों का मानना है कि यह शब्द मूल रूप से 'अहोम' से बना है। ब्रिटिश शासन में जब इस राज्य का विलय किया गया उससे पहले लगभग छह सौ वर्ष तक इस राज्य पर 'अहोम' राजाओं का शासन रहा था। आस्ट्रिक, मंगोलियन, द्रविड़ और आर्य जैसी विभिन्न जातियां प्राचीन समय से इस प्रदेश की पहाडियों और घाटियों में अलग अलग समय पर आकर रहीं और बस गयीं जिसका यहाँ की मिश्रित संस्कृति में बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।

असम के चाय के बाग़ान में लड़कियाँ

इस राज्य के विकास में इन सभी जातियों ने अपना योगदान दिया। इस प्रकार असम राज्य में संस्कृति और सभ्यता की एक प्राचीन और समृद्ध परंपरा रही है।

प्राचीन समय में यह राज्य 'प्राग्ज्योतिष' अर्थात 'पूर्वी ज्योतिष का स्थान' कहलाता था। कालान्तर में इसका नाम 'कामरूप' पड़ गया। कामरूप राज्य का सबसे पुराना उदाहरण इलाहाबाद में समुद्रगुप्त के शिलालेख से मिलता है। इस शिलालेख में कामरूप का विवरण ऐसे सीमावर्ती देश के रूप में मिलता है, जो गुप्त साम्राज्य के अधीन था और गुप्त साम्राज्य के साथ इस राज्य के मैत्रीपूर्ण संबंध थे। चीन के विद्वान यात्री ह्वेनसांग लगभग 743 ईस्वी में राजा कुमारभास्कर वर्मन के निमंत्रण पर कामरूप में आया था। ह्वेनसांग ने कामरूप का उल्लेख 'कामोलुपा' के रूप में किया है। 11वीं शताब्दी के अरब इतिहासकार अलबरूनी की पुस्तक में भी 'कामरूप' का विवरण प्राप्त होता है। इस प्रकार प्राचीन काल से लेकर 12वीं शताब्दी ईस्वी तक समस्त आर्यावर्त में पूर्वी सीमांत देश को 'प्राग्ज्योतिष' और 'कामरूप' के नाम से जाना जाता था और यहाँ के नरेश स्वयं को 'प्राग्ज्योतिष नरेश' कहलाया करते थे।

सन 1228 में पूर्वी पहाडियों पर 'अहोम' लोगों के आने से इतिहास में मोड़ आया। उन्होंने लगभग छह सौ वर्षों तक असम राज्य पर शासन किया। 1819 में बदनचन्द्र की हत्या के बाद सन् 1826 में यह राज्य ब्रिटिश सरकार के अधिकार में आ गया। इस समय 'बर्मी' लोगों ने 'यंडाबू संधि' को मानकर असम को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था।

असम पूर्वोत्तर दिशा में भारत का प्रहरी है और पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेशद्वार भी है। यह भूटान और बांगला देश से लगी हुई भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास है। असम की उत्तर दिशा में भूटान और अरुणाचल प्रदेश, पूर्व दिशा में मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश और दक्षिणी दिशा में मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा राज्य हैं। असम के प्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता कुलाधर चालिहा का जन्म 1886 ई. में असम के शिवसागर नामक स्थान में रायबहादुर फनीधर चालिहा के घर में हुआ था।

तेलशोधक कारखाना, असम
Oil Refinery, Assam

कृषि

असम राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है। कृषि यहाँ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। चावल इस राज्य की मुख्य खाद्य फ़सल है और जूट, चाय, कपास, तिलहन, गन्ना और आलू आदि यहाँ की नकदी फ़सलें हैं। राज्य की प्रमुख बाग़वानी फ़सलें संतरा, केला, अनन्नास, सुपारी, नारियल, अमरूद, आम, कटहल और नीबू आदि हैं। इन सभी की खेती छोटे स्तर पर की जाती है। इस राज्य में लगभग 39.44 लाख हेक्टयर भूमि कुल खेती योग्य भूमि है। इसमें से क़रीब 27.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही खेती की जाती है।

सांस्कृतिक जीवन

असम का सांस्कृतिक जीवन विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों एवं धार्मिक केंद्रों, जैसे सत्र एवं नमोगृह की गतिविधियों से गुंथा हुआ है। पिछले 400 सालों से असम में सत्र ही वहाँ की जनता के धार्मिक एवं सामाजिक कल्याण की देखरेख कर रहे हैं। असमी लोग हिन्दू धर्म के सभी त्योहारों को मानते हैं, लेकिन उनका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पर्व बिहु है, जो वर्ष में तीन बार मनाया जाता है। मूलत: ये कृषि पर्व हैं, जिन्हें लोग धर्म और जाति के भेदभाव को भूलकर हर्षोंल्लास से मनाते हैं। पहला और मुख्य बिहु पर्व वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला बोहांग बिहु (मध्य अप्रैंल हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से वैशाख मास का पहला दिन) है, जो नए वर्ष के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। इसे रंगोली (यहाँ रंग अर्थ उल्लास एवं आनंद) बिहु के नाम से भी जाना जाता है। यह नृत्य और संगीत का उत्सव है। इस दिन स्त्रियाँ अपने परिवार के सदस्यों को हाथ से बुना हुआ गमछा भेंट में देती हैं। दूसरा माघ बिहु (मध्य जन. हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से माघ मास) फ़सल कटने के उपलक्ष्य में मानाया जाता है। भोगाली बिहु (भोग का अर्थ उल्लास एवं भोज) के नाम से प्रसिद्ध यह प्रीतिभोज एवं आग जलाकर खुशियाँ मनाने का पर्व है। तीसरे और अंतिम कटि बिहु (मध्य अक्तू।) को कंगाली बिहु के नाम से जाना जाता है, क्योंकि वर्ष के इस भाग में आम आदमी का घर अगली फ़सल कटाई से पहले भंडारण के खत्म हो जाने के कारण खाद्यान्न रहित हो जाता है। बुनाई असम के लोगों, विशेषकर महिलाओं के सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। प्रत्येक असमी घर में, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या समाज का हो, कम से कम एक हथकरघा अवश्य देखने को मिल जाएगा। हर स्त्री का महीन रेशम एवं सूती वस्त्रों के उत्पादन की कला में पारंगत होना अनिवार्य है।

त्योहार
  • असम में अनेक रंगारंग त्योहार मनाए जाते हैं। 'बिहू' असम का मुख्य पर्व है।
  • यह वर्ष में तीन बार मनाया जाता है- 'रंगाली बिहू' या 'बोहाग बिहू' फ़सल की बुआई की शुरूआत का प्रतीक है।
  • इसी से नए वर्ष का शुभारंभ भी होता है। 'भोगली बिहू' या 'माघ बिहू' फ़सल की कटाई का त्योहार है और 'काती बिहू' या 'कांगली बिहू' शरद ऋतु का एक मेला है।
  • लगभग सभी त्योहार धार्मिक कारणों से मनाए जाते हैं।
  • वैष्णव लोग प्रमुख वैष्णव संतों की जयंती तथा पुण्यतिथि पर भजन गाते हैं और परंपरागत नाट्य शैली में 'भावना' नामक नाटकों का मंचन करते हैं।
  • कामाख्या मंदिर में अंबुबाशी और उमानंदा तथा शिव मंदिरों के पास अन्य स्थानों पर शिवरात्रि मेला, दीपावली, अशोक अष्टमी मेला, पौष मेला, परशुराम मेला, अंबुकाशी मेला, दोल-जात्रा, ईद, क्रिसमस और दुर्गा पूजा, आदि धार्मिक त्योहार राज्य भर में श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं।

विशेषताएँ

  • असम अपने जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। वन संपदा कुल क्षेत्रफल का 22.21 प्रतिशत है।
  • राज्य में पांच राष्ट्रीय पार्क और 11 वन्यजीव अभयारण्य और पक्षी विहार हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मानस बाघ परियोजना (राष्ट्रीय उद्यान) 'एक सींग वाले गैंडों' और 'रॉयल बंगाल टाइगर' के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
  • असम में कृषि पर आधारित उद्योगों में चाय का प्रमुख स्थान है।
  • राज्य में छह औद्योगिक विकास केंद्र हैं।
  • राज्य में चार 'तेलशोधक कारखाने' (रिफ़ाइनरी) काम कर रही हैं।
  • कला और हस्तशिल्प से सम्बंधित कुटीर उद्योगों के लिए असम सदैव विख्यात रहा है। हथकरघा, रेशम, बेंत और बांस की वस्तुएं, गलीचों की बुनाई, काष्ठ शिल्प, पीतल आदि धातुओं के शिल्प प्रमुख कुटीर उद्योग हैं। असम में विभिन्न प्रकार का रेशम - एंडी, मूँगा, टसर आदि का उत्पादन होता है। मूँगा नामक रेशम की किस्म का उत्पादन विश्व भर में सिर्फ़ असम में ही होता है।
  • नागारिक विमानों की नियमित उड़ानें गोपीनाथ बाड़दोलाई हवाई अड्डा (गुवाहाटी), सलोनीबाड़ी (तेजपुर), मोहनबाड़ी (उत्तरी लखीमपुर), कुंभीरग्राम (सिलचर), और रोवरियाह (जोरहाट) से होती हैं।
असम में कला और हस्तशिल्प
  • गुवाहाटी में तथा उसके आसपास प्रमुख पर्यटन स्थलों में कामाख्या मंदिर, उमानंदा (मयूरद्वीप), नवग्रह मंदिर वशिष्ठ आश्रम, डोलगोबिंद, गांधी मंडप, राज्य का चिडियाघर, राज्य संग्रहालय, शुक्रेश्वर मंदिर, गीता मंदिर, पुरातत्त्व की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मदन कामदेव मंदिर और सरायघट पुल आदि प्रसिद्ध हैं।
  • अन्य दर्शनीय स्थल हैं -
  • काजीरंगा राट्रीय पार्क (एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध)
  • मानस बाघ परियोजना, पोबीतोरा और ओरंग (वन्यजीव उद्यान)
  • शिवसागर (शिव मंदि, रंगघर,कारेंगघर)
  • तेजपुर (भैरवी मंदिर और रमणीक सथान)
  • भलुकपुंग (अंगलिंग), हॉफलांग (स्वास्थ्यप्रद स्थान और जतिंगा पहाडियां)
बिहू नृत्य, असम
Bihu Dance, Assam
  • माजुली (विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप)
  • चंदुबी झील (पिकनिक स्थल)
  • हाजो (बौद्ध, हिन्दू और इस्लाम)
  • बताद्रव (महान वैष्णव संत शंकरदेव की जन्मभूमि)
  • आर सुआलकूची (रेशम उद्योग के लिए प्रसिद्ध)।



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वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 2001 की जनगणना के अनुसार
  2. 2.0 2.1 2.2 2.3 Assam at a Glance (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) असम की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 26 मई, 2011।

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