चंडेश्वर मेघदूत के अनुसार उज्जयिनी के अंतर्गत भगवान शिव का एक धाम था। इस स्थान के पास ही गंधवती नदी बहती थी-
'पुण्यं यायास्त्रिभुवनगुरोर्धाम चंडेश्वरस्य, धूतोद्यानंकुवलयरजो गंधिभिर्गधवत्या:'[1]
- चंडेश्वर वही स्थान जान पड़ता है, जहाँ महाकाल शिव का मंदिर था।[2]
- महाकाल शिव का यह मंदिर आज भी उज्जैन में है।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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