ताज उल मस्जिद भोपाल
ताज उल मस्जिद भोपाल
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विवरण | ताज उल मस्जिद भारत और एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। ताज उल मस्जिद का अर्थ है 'मस्जिदों का ताज'। |
स्थान | भोपाल, मध्य प्रदेश |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 23° 15′ 46.56″, पूर्व- 77° 23′ 34.09″ |
निर्माता | मौलाना मुहम्मद इमरान |
निर्माण काल | सन् 1971 |
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गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | सिकन्दर जहाँ बेगम, जहाँगीर मोहम्मद ख़ान, जामा मस्जिद दिल्ली |
अन्य जानकारी | ताज-उल-मस्जिद के प्रवेश द्वार के चार मेहराबें हैं और मुख्य प्रार्थना हॉल में जाने के लिए 9 प्रवेश द्वार हैं। |
ताज उल मस्जिद मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में स्थित है। ताज उल मस्जिद भोपाल की सबसे बड़ी मस्जिद है। ताज उल मस्जिद भारत और एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। ताज उल मस्जिद का अर्थ है 'मस्जिदों का ताज'। ताज उल मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद से प्रेरणा लेकर बनाई गई है। ताज उल मस्जिद में हर साल तीन दिन का इज्तिमा उर्स होता है। जिसमें देश के कोने-कोने से लोग आते हैं।
स्थापना
सिकन्दर बेगम ने ताज उल मस्जिद को तामीर करवाने का ख्वाब देखा था, इसलिए ताज उल मस्जिद सिकन्दर बेगम के नाम से सदा के लिए जुड़ गयी। सिकन्दर बेगम 1861 में इलाहाबाद दरबार के बाद जब वह दिल्ली गई तो उन्होंने देखा कि दिल्ली की जामा मस्जिद को ब्रिटिश सेना की घुड़साल में तब्दील कर दिया गया है। सिकन्दर बेगम ने अपनी वफ़ादारियों के बदले अंग्रेज़ों से इस मस्जिद को हासिल कर लिया और ख़ुद हाथ बँटाते हुए इसकी सफाई करवाकर शाही इमाम की स्थापना की।
ताज उल मस्जिद, भोपाल