सलावतजंग

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सलावतजंग हैदराबाद के शासक आसफ़जाह निज़ामुलमुल्क का द्वितीय पुत्र था। फ़्राँसीसियों की सहायता से 1751 ई. में वह निज़ाम बना और दस वर्षों तक शासन करता रहा। प्रारम्भ में उसकी सत्ता फ़्राँसीसी सैनिकों के बल पर ही टिकी रही थी। वर्ष 1760 ई. में मराठों द्वारा मिली शिकस्त के कारण सलावतजंग को कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्र उन्हें देने पड़े। इस घटना के बाद ही सलावतजंग के भाई निज़ाम अली ने उसकी हत्या कर दी।

  • फ़्राँसीसी सेनानायक बुसी सलावतजंग के दरबार में रहता था।
  • सलावतजंग ने फ़्राँसीसी सैनिकों पर होने वाले व्यय के बदले उत्तरी सरकार का ज़िला बुसी को दे रखा था।
  • 1748 ई. में जब बुसी को हैदराबाद से वापस बुला लिया गया और फ़ोर्ड के नेतृत्व में अंग्रेज़ सेना ने पूर्वी तट के मार्ग से आकर मसुलीपट्टम पर अधिकार कर लिया, तब सलावतजंग अंग्रेज़ों से मिल गया।
  • अंग्रेज़ों की सहायता के लिए सलावतजंग ने उत्तरी सरकार का ज़िला उनकों सैनिक व्यय के लिए दे दिया।
  • फिर भी 1760 ई. में मराठों ने उदगिरि के युद्ध में सलावतजंग को बुरी तरह से पराजित किया।
  • मराठों से मिली पराजय के कारण सलावतजंग को अपने राज्य के कई महत्त्वपूर्ण भू-भाग मराठों को दे देने पड़े।
  • इस घटना के उपरांत ही 1761 ई. में सलावतजंग के भाई निज़ाम अली ने उसकी हत्या कर दी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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