पिंगलीसूरन्न
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पिंगलीसूरन्न मध्यकालीन विजय नगर साम्राज्य के 'अष्टदिग्गज' कवियों में से एक था। कवि पिंगलीसूरन्न ने ‘राघवपाण्डवीय’ की रचना की थी। उसकी 'पांडुरंग महात्म्य' की गणना पांच महाकाव्यों में की जाती है।
- विजय नगर साम्राज्य के श्रेष्ठ शासक कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगु साहित्य के 8 सर्वश्रेष्ठ कवि रहते थे, जिन्हें 'अष्टदिग्गज' कहा जाता था। अष्टदिग्गजों में शामिल कवियों के नाम निम्न प्रकार हैं-
- अल्ल सानि पेद्दन
- नन्दी तिम्मन
- धूर्जटि
- मादय्यगरि मल्लन
- अय्यलराजु रामभध्रुडु
- पिंगलीसूरन्न
- रामराजभूषणुडु (भट्टूमुर्ति)
- तेनालि रामकृष्णा
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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