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दाऊद ख़ाँ

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दाऊद ख़ाँ बंगाल के हाकिम सुलेमान कर्रानी का पुत्र और उत्तराधिकारी था। सुलेमान कर्रानी की 1578 ई. में मृत्यु हो गई थी। उसके बाद ही दाऊद ख़ाँ ने गद्दी पर बैठने के बाद अपने को स्वतंत्र बादशाह घोषित कर लिया।

  • दाऊद ख़ाँ ने गाज़ीपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश के एक मुग़ल क़िले पर अधिकार कर लिया था।
  • तत्कालीन मुग़ल बादशाह अकबर दाऊद ख़ाँ को दण्डित करने के लिए 1574 ई. में एक बड़ी सेना के साथ रवाना हुआ, क्योंकि अकबर दाऊद ख़ाँ को बंगाल में मुग़ल साम्राज्य की सुरक्षा के लिए एक बड़ा ख़तरा मानता था।
  • मुग़ल सेनापति मुनअम ख़ाँ ने दाऊद ख़ाँ को उड़ीसा में 'टुकरोई के युद्ध' (मार्च, 1575) में पराजित किया। फिर भी दाऊद ख़ाँ मुग़लों के विरुद्ध लड़ता रहा।
  • जुलाई, 1576 ई. में 'राजमहल के युद्ध' में दाऊद ख़ाँ अन्तिम रूप से पराजित हुआ और मारा गया। उसके बाद बंगाल को मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया गया।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 200 |

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