"विष्णु डे": अवतरणों में अंतर
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'''विष्णु डे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bishnu Dey'', जन्म- [[8 जुलाई]], [[1909]]; मृत्यु- [[3 दिसम्बर]], [[1982]]) [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] [[साहित्यकार]] थे। उन्हें सन [[1971]] में '[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था। साथ ही उनके द्वारा रचित कविता संग्रह 'स्मृति सत्ता भविष्यत्' के लिये उन्हें सन [[1965]] में '[[साहित्य अकादमी पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया। | {{सूचना बक्सा साहित्यकार | ||
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}}'''विष्णु डे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bishnu Dey'', जन्म- [[8 जुलाई]], [[1909]]; मृत्यु- [[3 दिसम्बर]], [[1982]]) [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] [[साहित्यकार]] थे। उन्हें सन [[1971]] में '[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था। साथ ही उनके द्वारा रचित कविता संग्रह 'स्मृति सत्ता भविष्यत्' के लिये उन्हें सन [[1965]] में '[[साहित्य अकादमी पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया। | |||
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विष्णु डे आधुनिकतावाद, उत्तर-आधुनिकतावाद के युग में एक बंगाली [[कवि]], लेखक और शिक्षाविद थे। एक प्रतीकवादी के रूप में शुरुआत करते हुए उन्होंने अपनी कविताओं की [[संगीत]] गुणवत्ता के लिए मान्यता प्राप्त की और बुद्धदेब बसु और समर सेन जैसे बंगाली कवियों की टैगोर पीढ़ी का निर्माण किया, जिसने बंगाली साहित्य में नई कविता के आगमन को गहराई से प्रभावित किया। | विष्णु डे आधुनिकतावाद, उत्तर-आधुनिकतावाद के युग में एक बंगाली [[कवि]], लेखक और शिक्षाविद थे। एक प्रतीकवादी के रूप में शुरुआत करते हुए उन्होंने अपनी कविताओं की [[संगीत]] गुणवत्ता के लिए मान्यता प्राप्त की और बुद्धदेब बसु और समर सेन जैसे बंगाली कवियों की टैगोर पीढ़ी का निर्माण किया, जिसने बंगाली साहित्य में नई कविता के आगमन को गहराई से प्रभावित किया। | ||
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विष्णु डे
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पूरा नाम | विष्णु डे |
जन्म | 8 जुलाई, 1909 |
जन्म भूमि | कलकत्ता, आज़ादी पूर्व भारत |
मृत्यु | 3 दिसम्बर, 1982 |
मृत्यु स्थान | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
पति/पत्नी | प्रणति डे |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | बांग्ला साहित्य |
मुख्य रचनाएँ | 'स्मृति सत्ता भविष्यत' |
भाषा | बांग्ला |
पुरस्कार-उपाधि | साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1965 नेहरू स्मृति अवॉर्ड, 1967 |
प्रसिद्धि | बांग्ला कवि, साहित्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | बांग्ला साहित्य |
अन्य जानकारी | विष्णु डे ने एक पत्रिका भी प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने सामाजिक रूप से जागरूक लेखन को प्रोत्साहित किया। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
विष्णु डे (अंग्रेज़ी: Bishnu Dey, जन्म- 8 जुलाई, 1909; मृत्यु- 3 दिसम्बर, 1982) बांग्ला साहित्यकार थे। उन्हें सन 1971 में 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। साथ ही उनके द्वारा रचित कविता संग्रह 'स्मृति सत्ता भविष्यत्' के लिये उन्हें सन 1965 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
परिचय
विष्णु डे आधुनिकतावाद, उत्तर-आधुनिकतावाद के युग में एक बंगाली कवि, लेखक और शिक्षाविद थे। एक प्रतीकवादी के रूप में शुरुआत करते हुए उन्होंने अपनी कविताओं की संगीत गुणवत्ता के लिए मान्यता प्राप्त की और बुद्धदेब बसु और समर सेन जैसे बंगाली कवियों की टैगोर पीढ़ी का निर्माण किया, जिसने बंगाली साहित्य में नई कविता के आगमन को गहराई से प्रभावित किया।
उन्होंने एक पत्रिका भी प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने सामाजिक रूप से जागरूक लेखन को प्रोत्साहित किया। उनके अपने काम से एक कवि के एकान्त संघर्ष, मानवीय गरिमा की खोज, उखड़ी पहचान के संकट के बीच प्रकट होता है। अपने साहित्यिक जीवन के माध्यम से विष्णु डे ने कृष्णनगर कॉलेज में व्याख्याता (1934-1940) और सुरेंद्रनाथ कॉलेज (1940-1944), प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में रीडर (1944-1947), मौलाना आजाद कॉलेज में प्रोफेसर जैसी विभिन्न क्षमताओं के साथ विभिन्न संस्थानों में अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ाया। विष्णु डे 'कल्लोल' (हंगामा) पत्रिका पर केंद्रित कवियों के एक युवा समूह के सदस्य भी रहे।
कृतियाँ
विष्णु डे की सबसे महत्वपूर्ण कृति 'स्मृति सत्ता भविष्यत' (स्मृति, अस्तित्व, भविष्य) ने बंगाली कविता में एक नई मिसाल कायम की। बाद में इसने उन्हें 1965 में बंगाली में साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ-साथ 1971 में भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' भी दिलाया।
सम्मान व पुरस्कार
- साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1965
- नेहरू स्मृति अवॉर्ड, 1967
- ज्ञानपीठ पुरस्कार, 1971
मृत्यु
साहित्यकार विष्णु डे का निधन 3 दिसम्बर, 1982 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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