अमृतलाल नागर
अमृतलाल नागर
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पूरा नाम | अमृतलाल नागर |
जन्म | 17 अगस्त, 1916 |
जन्म भूमि | गोकुलपुरा, आगरा, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 23 फ़रवरी, 1990 |
मृत्यु स्थान | भारत |
अभिभावक | पण्डित राजाराम नागर |
संतान | शरद नागर |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | साहित्य |
मुख्य रचनाएँ | मानस का हंस, बूँद और समुद्र, अमृत और विष, एकदा नैमिषारण्ये, पीढ़ियाँ, खंजन नयन, चैतन्य महाप्रभु आदि। |
विषय | नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य, उपन्यास |
भाषा | हिन्दी, गुजराती, मराठी, बांग्ला, अंग्रेज़ी |
शिक्षा | हाईस्कूल |
पुरस्कार-उपाधि | बटुक प्रसाद पुरस्कार, सुधाकर रचत पदक, प्रेमचन्द पुरस्कार', साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | नागर जी की कृतियों ने हिन्दी साहित्य की गरिमा बढ़ायी है। नागर जी के तीन रंगमंचीय नाटक एवं 25 से अधिक रेडियो फ़ीचर और बहुत से निबन्ध हैं, जो अभी तक प्रकाशित नहीं हुए हैं। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
अमृतलाल नागर (अंग्रेज़ी: Amritlal Nagar, जन्म: 17 अगस्त, 1916; मृत्यु: 23 फ़रवरी, 1990) हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उन्होंने नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य आदि के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्हें साहित्य जगत् में उपन्यासकार के रूप में सर्वाधिक ख्याति प्राप्त हुई तदापि उनका हास्य-व्यंग्य लेखन कम महत्वपूर्ण नहीं है।
विषय सूची
जीवन परिचय
अमृतलाल नागर का जन्म सुसंस्कृत गुजराती परिवार में 17 अगस्त, 1916 ई. को गोकुलपुरा, आगरा, उत्तर प्रदेश में उनकी ननिहाल में हुआ था। उनके पितामह पण्डित शिवराम नागर 1895 ई. से लखनऊ आकर बस गए। उनके पिता पण्डित राजाराम नागर की मृत्यु के समय नागर जी कुल 19 वर्ष के थे।
शिक्षा
अमृतलाल नागर की विधिवत् शिक्षा अर्थोपार्जन की विवशता के कारण हाईस्कूल तक ही हुई, किन्तु निरन्तर स्वाध्याय द्वारा उन्होंने साहित्य, इतिहास, पुराण, पुरातत्व, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषयों पर तथा हिन्दी, गुजराती, मराठी, बांग्ला एवं अंग्रेज़ी आदि भाषाओं पर अधिकार प्राप्त किया।