कपिल तिवारी (अंग्रेज़ी: Kapil Tiwari) शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश में लोक कलाओं और लोक कलाकारों के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संस्कृति विभाग में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों से होनहार लोक कलाकारों को खोज कर मंच प्रदान किया। उनका उत्साह बढ़ाया। वर्ष 2021 में उन्हें 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया है।
- लेखन के क्षेत्र में भी डॉ. कपिल तिवारी काफी सक्रिय रहे हैं। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनके आलेख अक्सर प्रकाशित होते हैं। मौलिक चिंतन के धनी कपिल तिवारी सागर बुंदेलखंड अंचल से निकले ऐसे संस्कृति कर्मी और साहित्यकार हैं।
- कपिल तिवारी ने लोक संस्कृति साहित्य से संबंधित 39 पुस्तकों का संपादन किया है। वे विदेश मंत्रालय की भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सदस्य हैं।
- डॉ. कपिल तिवारी मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला अकादमी के पूर्व निर्देशक भी रह चुके हैं। उन्होंने ही मध्य प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों से होनहार लोक कलाकारों को खोजकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया।
- उनके प्रयासों से मध्य प्रदेश की लोक संस्कृति और कलाओं को एक अलग पहचान मिली।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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पद्मश्री |
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