"चावंड उदयपुर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}" to "{{राजस्थान}}")
छो (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 13 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[उदयपुर]] [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।
+
'''चावंड''' [[राजस्थान]] के [[उदयपुर]] से [[ऋषभदेव उदयपुर|ऋषभदेव]] जाने वाली सड़क पर सघन [[अरावली पर्वत श्रृंखला|अरावली पहाड़ियों]] के पठारी भाग में बसा हुआ एक गाँव है। चावंड जिस पहाड़ी इलाक़े में बसा हुआ है, वह 'छप्पन' का इलाक़ा कहलाता है।  
*चावंड नाम का पुराना गाँव उदयपुर से [[खैरवाड़े]] जाने वाली सड़क पर परसाद गाँव से करीब ६ मील पूर्व की तरफ है।  
+
==इतिहास==
*यहाँ एक जैन-मंदिर है।
+
चावंड पहले छप्पनियें राठौड़ों का वतन था। महाराणा प्रताप ने इस पर आक्रमण कर [[हल्दीघाटी का युद्ध|हल्दीघाटी युद्ध]] के पश्चात् अपनी नयी राजधानी बनाया। चावंड गाँव से सटी हुई पहाड़ी पर प्रताप ने महल बनवाये थे जो आज खण्डहर मात्र हैं। यहाँ के खण्डहरों के निचले भाग में चामुण्डा माता का मन्दिर बना हुआ है। यह मन्दिर [[महाराणा प्रताप]] ने ही बनवाया था। यह भी उल्लेखनीय है कि महाराणा प्रताप की मृत्यु चावंड में ही हुई थी।<ref>वीर विनोद 11, पृ. 159</ref> चावंड गाँव से लगभग डेढ़ मील दूर बण्डोली गाँव है, उसके पास जो नाला बहता है, उसी नाले के किनारे प्रताप का दाह संस्कार किया गया था। इस स्थल पर स्मारक स्वरूप एक छतरी बनी हुई है
*[[महाराणा प्रताप]] के महल गाँव से आधे मील की दूरी पर,पहाड़ी पर बने हुए हैं और उसके नीचे देवी का एक मंदिर है।  
 
*महाराणा प्रताप का स्वर्गवास इन्हीं पहाड़ियों की श्रेणी के बीच हुआ था।
 
*इनका अग्नि संस्कार इस स्थान से डेढ़ मील की दूरी पर बंडोली गाँव के पास बहने वाले एक छोटे से नाले के तट पर किया गया था।
 
*स्मारक के रुप में वहाँ श्वेत-पाषाण की आठ स्तम्भोंवाली एक छोटी सी छत्री बनी है।
 
  
==सम्बंधित लिंक==
+
{{लेख प्रगति
{{राजस्थान}}
+
|आधार=
[[Category:राजस्थान]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]__INDEX__
+
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 +
|माध्यमिक=
 +
|पूर्णता=
 +
|शोध=
 +
}}
 +
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 +
<references/>
 +
==संबंधित लेख==
 +
{{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}}{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}
 +
[[Category:उदयपुर]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]]
 +
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]]
 +
[[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]]
 +
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
 +
[[Category:पर्यटन_कोश]]
 +
__INDEX__

11:08, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

चावंड राजस्थान के उदयपुर से ऋषभदेव जाने वाली सड़क पर सघन अरावली पहाड़ियों के पठारी भाग में बसा हुआ एक गाँव है। चावंड जिस पहाड़ी इलाक़े में बसा हुआ है, वह 'छप्पन' का इलाक़ा कहलाता है।

इतिहास

चावंड पहले छप्पनियें राठौड़ों का वतन था। महाराणा प्रताप ने इस पर आक्रमण कर हल्दीघाटी युद्ध के पश्चात् अपनी नयी राजधानी बनाया। चावंड गाँव से सटी हुई पहाड़ी पर प्रताप ने महल बनवाये थे जो आज खण्डहर मात्र हैं। यहाँ के खण्डहरों के निचले भाग में चामुण्डा माता का मन्दिर बना हुआ है। यह मन्दिर महाराणा प्रताप ने ही बनवाया था। यह भी उल्लेखनीय है कि महाराणा प्रताप की मृत्यु चावंड में ही हुई थी।[1] चावंड गाँव से लगभग डेढ़ मील दूर बण्डोली गाँव है, उसके पास जो नाला बहता है, उसी नाले के किनारे प्रताप का दाह संस्कार किया गया था। इस स्थल पर स्मारक स्वरूप एक छतरी बनी हुई है


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वीर विनोद 11, पृ. 159

संबंधित लेख