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[[चित्र:Lama-Glama.jpg|thumb|250px|लामा]]
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{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
'''लामा''' [[दक्षिणी अमेरिका]] के [[एण्डीज पर्वत|एण्डीज पर्वतों]] के वनों में पाया जाने वाला जीव है। यह दिखने में ऊँट के ही समान होता है। 'लामा' की पूँछ बहुत छोटी होती है तथा इसका शरीर बालों से ढँका रहता है। इस जीव के लिए टेढ़े-मेढ़े चट्टानी या पहाड़ी इलाके बाधक नहीं होते। हर प्रकार की स्थिति में लामा बड़ी आसानी से चल-फिर सकते हैं।
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|चित्र=Dalai-Lama2800600.jpg
==रंग तथा आवास==
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|चित्र का नाम=दलाई लामा
ऊँट को [[रेगिस्तान]] का जहाज़ कहा जाता है, क्योंकि यह दूर-दूर तक बिछी रेत पर आसानी से चल व दौड़ सकता है, संसार में इसकी कुछ अनोखी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। लामा भी उन्हीं प्रजातियों में से एक है। लामा [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] और [[काला रंग|काले]] दोनों [[रंग]] में पाया जाता है। पहाड़ों और जंगलों में इनके झुंड के झुंड घूमा करते हैं। झुंड के कुछ लामा रखवाली भी करते हैं, जो चीख कर खतरे या संकट की सूचना अपने साथियों को तुरंत देते हैं।
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|विवरण='लामा' तिब्बती [[बौद्ध धर्म]] में धर्म गुरु या आध्यात्मिक नेता को कहा जाता है। तिब्बती भाषा में 'लामा' को 'ब्ला-मा' कहा जाता है, अर्थात 'श्रेष्ठतर व्यक्ति'।
====प्रकार====
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|शीर्षक 1=
लामा को मानव द्वारा पालतू भी बनाया जाता है। पालतू लामा पशुओं में नर लामा भार ढोने के काम आते हैं व मादा से दूध प्राप्त किया जाता है। लामा पशुओं की तीन प्रमुख नस्लें होती हैं-
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|पाठ 1=
#ग्वानको
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|शीर्षक 2=
#विक्यूना
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|पाठ 2=
#अल्पका
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|शीर्षक 3=
[[चित्र:Lama-Glama-1.jpg|thumb|250px|लामा]]
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|पाठ 3=
ग्वानको [[दक्षिण अफ़्रीका]] के दक्षिणी मैदानों में मिलता है। अल्पका, लामा की एक पालतू जाति है। इसका शरीर मुलायम रोओं से ढँका रहता है, जिससे रेशम तैयार किया जाता है। ग्वानको और अल्पका के अतिरिक्त लामाओं की जाति है- विक्यूना, जो [[एण्डीज पर्वत]] पर काफ़ी ऊँचाई पर पाया जाता है। ये वहाँ के मूल निवासियों के लिए बड़े महत्त्वपूर्ण रहे हैं और वे इसे राजसी 'लामा' मानते हैं।
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|शीर्षक 4=
==उपयोग==
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|पाठ 4=
मनुष्य द्वारा लामा का उपयोग कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है, किंतु मृत्यु को प्राप्त हो जाने के बाद भी लामा का शरीर कई प्रकार से उपयोग में आता है। इसकी खाल से जूते बनाये जाते हैं। बाल मजबूत रस्सी बनाने के काम आते हैं। इसकी चर्बी से मोमबत्तियाँ बनाई जाती हैं। सन [[1953]] में फ़्राँसिस्को पिजारो के सेनापतित्व में स्पेन के सैनिकों ने जब दक्षिणी अमेरिका के पेरू प्रदेश पर अधिकार कर लिया, तब ठिगने कद-काठी के बिना कूबड़ वाले ऊँटों को देखकर वे आश्चर्य में पड़ गए थे और तभी से 'लामा' संपूर्ण दुनिया में ‍चर्चित हो गए।
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'''लामा''' [[तिब्बत]] में [[बौद्ध धर्म]] के आध्यात्मिक नेता या धर्म गुरु को कहा जाता है। इनकी कई कोटियाँ होती हैं। तिब्बती भाषा में 'लामा' को 'ब्ला-मा' कहा जाता है, अर्थात 'श्रेष्ठतर व्यक्ति'।
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*मूल रूप से 'गुरु'<ref>[[संस्कृत]] शब्द, अर्थात पूजनीय</ref> के अनुवाद के लिए लामा शब्द प्रयुक्त होता है। इस प्रकार यह केवल मठाधीशों या महान् अध्यापकों के लिए प्रयोज्य है।
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*'लामा' शब्द अब शिष्टाचारवश किसी भी सम्मानित [[भिक्कु|बौद्ध भिक्षु]] या पुजारी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
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*पश्चिमी शब्द 'लामाइज्म' और 'लामासरी', वास्तव में तिब्बती [[बौद्ध धर्म]] और तिब्बती मठों के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले ग़लत शब्द हैं।<ref name="aa">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-5|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=152|url=}}</ref>
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==अवतार==
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कुछ लामाओं को उनके पूर्ववर्तियों का पुनर्अवतार माना जाता है, उन्हें 'टुल्कु लामा' कहा जाता है, जो उन्नत लामाओं से अलग होते हैं, जिनका सम्मान उनके द्वारा हासिल आध्यात्मिक विकास के लिए किया जाता है।
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====दलाई लामा====
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अवतरित लामाओं की वंशावली में सबसे उच्च '[[दलाईलामा तेनजिन ग्यात्सो|दलाई लामा]]' हैं, जो [[1959]] में निर्वासित किए जाने तक [[तिब्बत]] के लौकिक शासक थे। दलाई लामा तिब्बती बौद्धों के प्रमुख संघ 'गेलुग् पा' ('पीला टोप संप्रदाय') के प्रमुख हैं। उन्हें करुणामय बोधिसत्व अवलोकितेश्वर की दैहित अभिव्यक्ति माना जाता है।
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====पंचेन लामा====
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अनुक्रमण में दूसरे स्थान पर [[पंचेन लामा]] आते है, जो 'ताशिलहुंपो मठ' के प्रमुख मठाधीश होते हैं और स्वयंभू बुद्ध 'अमिताभ' का [[अवतार]] माने जाते हैं। अन्य छोटे टुल्कु लामाओं को महान् संतों या शिक्षकों का अवतार माना जाता है, जिन्हें दलाई लामा महान, मध्यम या लद्यु अवतारों में श्रेणीबद्ध करते हैं। यह  धारणा संभवत: 84 महासिद्धों या महायोगियों की परंपरा से उत्पन्न हुई है, जिनमें से कइयों को पूर्ववर्ती संतों का अवतरण माना जाता है, जो [[पुनर्जन्म]] में बौद्धों की आस्था का प्रतीक है।<ref name="aa"/>
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==लामा का पुनर्जन्म==
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[[चित्र:Young-Lama.jpg|thumb|200px|एक युवा लामा]]
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[[तिब्बत]] में चीनी शासन की स्थापना से पहले पुनर्अवतरित लामा के [[पुनर्जन्म]] का पता लगाने की प्रक्रिया अक्सर व्यापक और कठिन होती थी, विशेषकर दलाई लामा के चयन में, जिसके कई राजनीतिक निहितार्थ होते हैं। पूर्ववर्ती लामा की मृत्यु के बाद किसी भी समय, दिन या सालों में पुनर्जन्म हो सकता है। नवजात दलाई लामा का पता लगाने के लिए 'नेछुंग' में राज्य के दिव्य वक्ता से संपर्क किया जाता है। दलाई लामा द्वारा अपनी मृत्यु से पहले की गई टिप्पणियों को अक्सर उनके पुनर्जन्म के स्थान का संकेत माना जाता है। उसी तरह दलाई लामा की मृत्यु या मृत्यु के बाद किसी के जन्म के समय हुई किसी भी असाधारण घटना को भी संकेत माना जाता है।
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====चयन तथा शिक्षा====
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अक्सर दो या ज़्यादा उम्मीदवारों की कठिन शारीरिक एवं मानसिक परीक्षा ली जाती है, जिसमें पूर्वलामा की व्यक्तिगत वस्तुओं की पहचान शामिल है। संदेह की स्थिति में पर्चियां निकाली जाती हैं। चयन के बाद बच्चे को कम आयु से ही मठ संबंधी गहन शिक्षा दी जाती है। नव अवतरित लामा की तलाश एवं शिक्षा के दौरान उनकी जगह शासन के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त किया जाता है।<ref name="aa"/>
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
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11:08, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

लामा
दलाई लामा
विवरण 'लामा' तिब्बती बौद्ध धर्म में धर्म गुरु या आध्यात्मिक नेता को कहा जाता है। तिब्बती भाषा में 'लामा' को 'ब्ला-मा' कहा जाता है, अर्थात 'श्रेष्ठतर व्यक्ति'।
विशेष कुछ लामाओं को उनके पूर्ववर्तियों का पुनर्अवतार माना जाता है, उन्हें 'टुल्कु लामा' कहा जाता है, जो उन्नत लामाओं से अलग होते हैं।
संबंधित लेख बौद्ध धर्म, दलाईलामा तेनजिन ग्यात्सो
अन्य जानकारी अवतरित लामाओं की वंशावली में सबसे उच्च 'दलाई लामा' हैं, जो 1959 में निर्वासित किए जाने तक तिब्बत के लौकिक शासक थे।

लामा तिब्बत में बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता या धर्म गुरु को कहा जाता है। इनकी कई कोटियाँ होती हैं। तिब्बती भाषा में 'लामा' को 'ब्ला-मा' कहा जाता है, अर्थात 'श्रेष्ठतर व्यक्ति'।

  • मूल रूप से 'गुरु'[1] के अनुवाद के लिए लामा शब्द प्रयुक्त होता है। इस प्रकार यह केवल मठाधीशों या महान् अध्यापकों के लिए प्रयोज्य है।
  • 'लामा' शब्द अब शिष्टाचारवश किसी भी सम्मानित बौद्ध भिक्षु या पुजारी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
  • पश्चिमी शब्द 'लामाइज्म' और 'लामासरी', वास्तव में तिब्बती बौद्ध धर्म और तिब्बती मठों के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले ग़लत शब्द हैं।[2]

अवतार

कुछ लामाओं को उनके पूर्ववर्तियों का पुनर्अवतार माना जाता है, उन्हें 'टुल्कु लामा' कहा जाता है, जो उन्नत लामाओं से अलग होते हैं, जिनका सम्मान उनके द्वारा हासिल आध्यात्मिक विकास के लिए किया जाता है।

दलाई लामा

अवतरित लामाओं की वंशावली में सबसे उच्च 'दलाई लामा' हैं, जो 1959 में निर्वासित किए जाने तक तिब्बत के लौकिक शासक थे। दलाई लामा तिब्बती बौद्धों के प्रमुख संघ 'गेलुग् पा' ('पीला टोप संप्रदाय') के प्रमुख हैं। उन्हें करुणामय बोधिसत्व अवलोकितेश्वर की दैहित अभिव्यक्ति माना जाता है।

पंचेन लामा

अनुक्रमण में दूसरे स्थान पर पंचेन लामा आते है, जो 'ताशिलहुंपो मठ' के प्रमुख मठाधीश होते हैं और स्वयंभू बुद्ध 'अमिताभ' का अवतार माने जाते हैं। अन्य छोटे टुल्कु लामाओं को महान् संतों या शिक्षकों का अवतार माना जाता है, जिन्हें दलाई लामा महान, मध्यम या लद्यु अवतारों में श्रेणीबद्ध करते हैं। यह धारणा संभवत: 84 महासिद्धों या महायोगियों की परंपरा से उत्पन्न हुई है, जिनमें से कइयों को पूर्ववर्ती संतों का अवतरण माना जाता है, जो पुनर्जन्म में बौद्धों की आस्था का प्रतीक है।[2]

लामा का पुनर्जन्म

एक युवा लामा

तिब्बत में चीनी शासन की स्थापना से पहले पुनर्अवतरित लामा के पुनर्जन्म का पता लगाने की प्रक्रिया अक्सर व्यापक और कठिन होती थी, विशेषकर दलाई लामा के चयन में, जिसके कई राजनीतिक निहितार्थ होते हैं। पूर्ववर्ती लामा की मृत्यु के बाद किसी भी समय, दिन या सालों में पुनर्जन्म हो सकता है। नवजात दलाई लामा का पता लगाने के लिए 'नेछुंग' में राज्य के दिव्य वक्ता से संपर्क किया जाता है। दलाई लामा द्वारा अपनी मृत्यु से पहले की गई टिप्पणियों को अक्सर उनके पुनर्जन्म के स्थान का संकेत माना जाता है। उसी तरह दलाई लामा की मृत्यु या मृत्यु के बाद किसी के जन्म के समय हुई किसी भी असाधारण घटना को भी संकेत माना जाता है।

चयन तथा शिक्षा

अक्सर दो या ज़्यादा उम्मीदवारों की कठिन शारीरिक एवं मानसिक परीक्षा ली जाती है, जिसमें पूर्वलामा की व्यक्तिगत वस्तुओं की पहचान शामिल है। संदेह की स्थिति में पर्चियां निकाली जाती हैं। चयन के बाद बच्चे को कम आयु से ही मठ संबंधी गहन शिक्षा दी जाती है। नव अवतरित लामा की तलाश एवं शिक्षा के दौरान उनकी जगह शासन के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त किया जाता है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत शब्द, अर्थात पूजनीय
  2. 2.0 2.1 2.2 भारत ज्ञानकोश, खण्ड-5 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 152 |

बाहरी कड़ियाँ

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