राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
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विवरण | उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया। |
मनाने की तिथि | 24 दिसंबर |
शुरुआत | भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया। |
अन्य जानकारी | प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाया जाता है। |
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस भारत में 24 दिसंबर को मनाया जाता है। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया। परिणामस्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया था। 24 दिसंबर सन् 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पास हुआ था।
"ग्राहक हमारे परिसर में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण अतिथि है। वह हम पर निर्भर नहीं है। हम उस पर निर्भर हैं। वह हमारे कार्य में बाधा नहीं है। वह इसका प्रयोजन है। वह हमारे व्यापार के लिए एक बाहरी व्यक्ति नहीं है। वह इसका हिस्सा है। हम उसे सेवा देकर उसे कोई लाभ नहीं दे रहे हैं। वह हमें ऐसा करने का अवसर देकर हमें लाभ दे रहा है।" -महात्मा गाँधी
शुरुआत
भारत सरकार ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन भारतीय ग्राहक आन्दोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया। और आगे भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उपभोक्ता अधिकार (हिंदी) business.gov.in। अभिगमन तिथि: 17 दिसंबर, 2013।