मातृ दिवस
मातृ दिवस
| |
विवरण | विश्व में माँ के सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। |
उद्देश्य | 'मातृ दिवस' मनाने का मूल उद्देश्य समस्त माताओं को सम्मान देना और एक शिशु के उत्थान में उनकी महान् भूमिका को सलाम करना है। |
तिथि | मई का दूसरा रविवार |
कैसे मनाएँ | सुबह उठते ही अपनी माँ को इस दिन की बधाई दें। यदि आपको उनके हाथ का भोजन बहुत पंसद है और खाना बनाना उनका शौक़ भी है, तो उन्हें नए और स्वादिष्ट व्यंजन की एक किताब व डिनर टेबल गिफ़्ट सेट जैसा कुछ उपहार दें। |
संबंधित लेख | बाल दिवस, पितृ दिवस, विश्व परिवार दिवस |
अन्य जानकारी | 16वीं सदी में इंग्लैण्ड का ईसाई समुदाय ईशु की माँ मदर मेरी को सम्मानित करने से इसकी शुरुआत हुई। |
मातृ दिवस (अंग्रेज़ी: Mother's Day) प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। माँ को खुशियाँ और सम्मान देने के लिए पूरी ज़िंदगी भी कम होती है। फिर भी विश्व में माँ के सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस विश्व के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, परन्तु मई माह के दूसरे रविवार को सर्वाधिक महत्त्व दिया जाता है। हालांकि भारत के कुछ भागों में इसे 19 अगस्त को भी मनाया जाता है, परन्तु अधिक महत्ता अमरीकी आधार पर मनाए जाने वाले मातृ दिवस की है, अमेरिका में यह दिन इतना महत्त्वपूर्ण है कि यह एकदम से उत्सव की तरह मनाया जाता है।[1]
इतिहास
मातृ दिवस का इतिहास सदियों पुराना एवं प्राचीन है। यूनान में बसंत ऋतु के आगमन पर रिहा परमेश्वर की माँ को सम्मानित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता था। 16वीं सदी में इंग्लैण्ड का ईसाई समुदाय ईशु की माँ मदर मेरी को सम्मानित करने के लिए यह त्योहार मनाने लगा। 'मदर्स डे' मनाने का मूल कारण समस्त माओं को सम्मान देना और एक शिशु के उत्थान में उसकी महान् भूमिका को सलाम करना है। इस को आधिकारिक बनाने का निर्णय पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति वूडरो विलसन ने 8 मई, 1914 को लिया। 8 मई, 1914 में अन्ना की कठिन मेहनत के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और माँ के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की। वे समझ रहे थे कि सम्मान, श्रद्धा के साथ माताओं का सशक्तीकरण होना चाहिए, जिससे मातृत्व शक्ति के प्रभाव से युद्धों की विभीषिका रुके। तब से हर वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।[1]- मदर्स डे की शुरुआत अमेरिका से हुई। वहाँ एक कवयित्री और लेखिका जूलिया वार्ड होव ने 1870 में 10 मई को माँ के नाम समर्पित करते हुए कई रचनाएँ लिखीं। वे मानती थीं कि महिलाओं की सामाजिक ज़िम्मेदारी व्यापक होनी चाहिए। अमेरिका में मातृ दिवस (मदर्स डे) पर राष्ट्रीय अवकाश होता है। अलग-अलग देशों में मदर्स डे अलग अलग तारीख पर मनाया जाता है। भारत में भी मदर्स डे का महत्व बढ़ रहा है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 कैसे बनाए मदर्स डे को यादगार (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) आधी आबादी डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।
- ↑ हर हाल में बच्चों पर प्यार उड़ेलती है माँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) वेब दुनिया हिन्दी। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।
- ↑ हर हाल में बच्चों पर प्यार उड़ेलती है माँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) ख़ास बात। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।
- ↑ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्।- आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित स्तुति
- ↑ 5.0 5.1 5.2 5.3 5.4 मां! तुझे प्रणाम (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) भास्कर डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2011।