विश्व क्षयरोग दिवस
विश्व क्षयरोग दिवस
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विवरण | विश्व क्षय रोग दिवस के माध्यम से टी.बी. जैसी समस्या के विषय में और इससे बचने के उपायों के विषय में बात करने में मदद मिलती है। |
तिथि | 24 मार्च |
उद्देश्य | लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिए कदम उठाना। |
संबंधित लेख | तपेदिक, विश्व एड्स दिवस, विश्व कैंसर दिवस, विश्व मधुमेह दिवस, विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व हृदय दिवस |
अन्य जानकारी | भारत में टीबी के फैलने का एक मुख्य कारण इस बीमारी के लिए लोगों सचेत ना होना और इसे शुरूआती दौर में गंभीरता से ना लेना। |
अद्यतन | 19:26, 22 मार्च 2015 (IST)
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विश्व क्षयरोग दिवस / विश्व तपेदिक दिवस / विश्व टीबी दिवस (अंग्रेज़ी: World Tuberculosis Day) प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है। टी.बी. का पूरा नाम है ट्यूबरकुल बेसिलाई। यह एक छूत का रोग है और इसे प्रारंभिक अवस्था में ही न रोका गया तो जानलेवा साबित होता है। यह व्यक्ति को धीरे-धीरे मारता है। टी.बी. रोग को अन्य कई नाम से जाना जाता है, जैसे तपेदिक, क्षय रोग तथा यक्ष्मा। विश्व क्षय रोग दिवस के माध्यम से टी.बी. जैसी समस्या के विषय में और इससे बचने के उपायों के विषय में बात करने में मदद मिलती है।
विषय सूची
विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन
विश्व क्षय रोग दिवस पूरे विश्व में 24 मार्च को घोषित किया गया है है और इसका ध्येय है लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिए कदम उठाना। विश्व टीबी दिवस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) जैसे संस्थानों से समर्थन मिलता है। भारत में टीबी के फैलने का एक मुख्य कारण इस बीमारी के लिए लोगों सचेत ना होना और इसे शुरूआती दौर में गंभीरता से ना लेना। टी.बी किसी को भी हो सकता है, इससे बचने के लिए कुछ सामान्य उपाय भी अपनाये जा सकते हैं।टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विश्व क्षयरोग दिवस आज (हिंदी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 22 मार्च, 2015।