विश्व किडनी दिवस

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विश्व किडनी दिवस
विश्व किडनी दिवस
विवरण 'विश्व किडनी दिवस' विश्वभर में मनाया जाने वाला महत्त्वपूर्ण दिवस है। महिलाओं की मौत का 8वाँ बड़ा कारण किडनी (गुर्दे) की खराबी है। दुनिया भर की 19.5 लाख महिलाएं किडनी रोग से प्रभावित हैं।
तिथि प्रतिवर्ष मार्च का दूसरा गुरुवार
उद्देश्य मानव स्वास्थ्य में किडनी के महत्त्व के प्रति सब में जागरूकता बढ़ाना
संबंधित लेख मानव शरीर, गुर्दा
अन्य जानकारी क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) महिलाओं में मृत्यु का आठवां प्रमुख कारण है, जिससे एक साल में 6,00,000 से ज्यादा महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
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विश्व किडनी दिवस (अंग्रेज़ी: World Kidney Day) प्रतिवर्ष मार्च के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। यह विश्वभर में किडनी रोग और उससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव को कम करने के लिए हमारे स्वास्थ्य में किडनी के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक जागरूकता अभियान है। विश्व में दस व्यक्तियों में से एक व्यक्ति किडनी रोग से प्रभावित है। विश्व किडनी दिवस 'अंतर्राष्ट्रीय सोसायटी ऑफ़ नेफ्रोलॉजी' (आईएसएन) और 'इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ किडनी फाउंडेशन' (आईएफकेएफ) की एक संयुक्त पहल है। विश्व किडनी दिवस का वर्ष 2018 का विषय "किडनी एवं महिला स्वास्थ्य: समावेश, महत्व, सशक्त बनाए" है।

शुरुआत

किडनी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 'विश्व किडनी दिवस' का आयोजन किया जाता है, जो कि किडनी के महत्व पर ध्यान केंद्रित करता है और विश्व भर में किडनी की बीमारी और उससे संबंधित परेशानी के आवृत्ति और प्रभाव को कम करता है। विश्व किडनी दिवस की शुरुआत दो साल पहले हुई थी। वैसे तो वर्ष 2006 से ही लोगों को किडनी से संबंधी रोगों के प्रति जागरूक करना शुरू कर दिया गया था। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को किडनी से हो रही समस्या का निदान दिलाना है। 'इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ़ किडनी डिसीजेस' और 'इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ़ नेफ्रोलॉजी' के जरिए निरन्तर बढ़ रही किडनी की बीमारी को बढ़ता देख यह दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। ताकि विश्व का हर एक व्यक्ति जागरूक हो सके। विश्व किडनी दिवस प्रत्येक वर्ष मार्च माह के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है।[1]

किडनी का महत्त्व

मानव शरीर दो किडनी के साथ जन्म लेता है। लेकिन हमारी सिर्फ एक किडनी ही सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में सक्षम होती है। किडनी की खराबी के कारण कोई गंभीर बीमारी या मृत्यु भी हो सकती है। किडनी की तुलना सुपर कंप्यूटर के साथ की गई है, क्योंकि जिस प्रकार सुपर कंप्यूटर की परेशानी को समझना जटिल होता है, उसी प्रकार किडनी की रचना बड़ी विस्मयकारक है और उसके कार्य अत्यंत जटिल हैं। किडनी शरीर का रक्त साफ करके यूरिन बनाती है और शरीर से यूरिन को बाहर निकालने का काम मूत्रवाहिनी करती है। महिलाओं और पुरुषों दोनों के शरीर में सामान्यत: दो किडनी होती हैं। किडनी पेट के अंदर, पीछे के हिस्से में, रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर, छाती की पसलियों के बीच सुरक्षित तरीके से स्थित होती है। किडनी, पेट के भीतरी भाग में स्थित होती हैं।

किडनी के मुख्य कार्य

  1. रक्त का शुद्धीकरण
  2. अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बाहर निकालना
  3. शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बनाये रखना
  4. रक्त के दबाव पर नियंत्रण रखना
  5. रक्त कणों के उत्पादन में सहायता करना
  6. हड्डियों की मजबूती में सहायता प्रदान करना

खराब होने के कारण

  1. पर्याप्त आराम न करना
  2. यूरिन (मूत्र) आने पर रोक लेना
  3. कम पानी पीना
  4. अत्यधिक नमक का सेवन करना
  5. उच्च रक्त दाब होने पर लापरवाही करना
  6. मधुमेह के इलाज में लापरवाही करना
  7. अत्यधिक मांस का सेवन करना
  8. ज्यादा मात्रा में दर्द निवारक दवाएँ लेना
  9. बहुत अधिक शराब और धूम्रपान करना
  10. ठण्डे पेय पदार्थ व सोडा आदि अधिक लेना

महिला स्वास्थ्य और किडनी

  1. क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) महिलाओं में मृत्यु का आठवां प्रमुख कारण है, जिससे एक साल में 6,00,000 से ज्यादा महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
  2. क्रोनिक किडनी रोग विश्व में लगभग 195 करोड़ महिलाओं को प्रभावित करता है।
  3. महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सीकेडी अधिक पाया जाता है, जिसमें औसतन 14% महिलाएं और 12% पुरुष प्रभावित हो सकते हैं।
  4. महिलाओं में कुछ किडनी रोग, जैसे कि ल्यूपस नेफ्रोपैथी और किडनी संक्रमण अधिक सामान्य हैं।
  5. सीकेडी का फैलाव बढ़ रहा है तथा यह प्रसव के वर्षों में 3% महिलाओं को प्रभावित कर सकता है।
  6. सीकेडी से पीड़ित मां और बच्चे में नकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों का ज़ोखिम बढ़ जाता है।
  7. गर्भावस्था-संबंधी जटिलताओं से किडनी रोग का ज़ोखिम बढ़ जाता है; प्री-क्लेम्पसिया से पीड़ित महिला में किडनी की विफलता के विकास की संभावनाएं चार से पांच गुना अधिक हो जाती हैं।
  8. महिलाएं, जिन्होंने सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण किया है, उनकी प्रजनन क्षमता पुनः स्थापित हो सकती है तथा गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं कम हो जाती हैं।
  9. गर्भावस्था में सीकेडी की पर्याप्त जानकारी एवं रोग का समय पर पता लगाने तथा अधिक जागरूकता की स्पष्ट आवश्यकता होती है।[2]

क्रोनिक किडनी रोग क्या है?

क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) महीनों या वर्षों से लगातार होने वाला नुकसान है। जब किडनी प्रक्रिया एक निश्चित बिंदु से कम हो जाती है, तो उसे किडनी की विफलता कहा जाता है तथा अनुपचारित किडनी की विफलता जीवन के लिए घातक हो सकती है, जिसमें जीवन को बनाए रखने के लिए डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। क्रोनिक किडनी रोग का कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य विकार हो सकते हैं। रोग का शीघ्र पता लगाना और उपचार प्राय: क्रोनिक किडनी रोग को बदतर होने से बचा सकता है।

क्या आप जानते हैं

  1. किडनी रोग साइलेंट किलर है। क्रोनिक किडनी रोग की शुरुआत में कोई संकेत या लक्षण नहीं होता है।
  2. क्रोनिक किडनी रोग सामान्यत: पूरा ठीक नहीं होता है।
  3. किडनी रोग की जांच के लिए रक्त और मूत्र परीक्षण का उपयोग किया जाता है।
  4. किडनी रोग का उपचार किया जा सकता है। सीकेडी का शीघ्र पता लगाना प्रभावी उपचार प्राप्त करने का बेहतर अवसर प्रदान करता है।
  5. किडनी रोग किडनी की विफलता उत्पन्न कर सकता है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 'राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम' भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक पहल है। इसे ज़िला अस्पताल में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपीमोडा) की सहभागिता के साथ वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रोगी के नज़दीक जीवन रक्षक प्रणाली को प्रदान करना एवं उनके उपचार के लिए किए गए खर्चों में कमी लाना है।


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विश्व किडनी दिवस, 2018 (हिंदी) rajexpress.co।
  2. विश्व किडनी दिवस (हिंदी) hi.nhp.gov.in।

बाहरी कड़ियाँ

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