अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस
अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस
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स्तर | अंतरराष्ट्रीय |
तिथि | 30 जून |
शुरुआत | 2018 |
अन्य जानकारी | 30 जून, 1889 में अंतर-संसदीय संघ की स्थापना हुई थी और इसी दिन को साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस मनाने का फैसला एक प्रस्ताव के माध्यम से किया। |
विषय सूची
इतिहास
इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के माध्यम से की गई थी। इसके अलावा यह दिन अंतर संसदीय संघ के गठन की तिथि को भी चिन्हित करता है, जो संसदों का वैश्विक संगठन है और जिसे 1889 में स्थापित किया गया था।
भारतीय संसद
भारतीय लोकतंत्र में संसद जनता की सर्वोच्च संस्था है। इसी के माध्यम से आम लोगों की संप्रभुता को अभिव्यक्ति मिलती है। संसद ही इस बात का प्रमाण है कि हमारी राजनीतिक व्यवस्था में जनता सबसे ऊपर है, जनमत सर्वोपरि है। संसदीय शब्द का अर्थ ही ऐसी लोकतंत्रात्मक राजनीतिक व्यवस्था है जहां सर्वोच्च शक्ति जनता के प्रतिनिधियों के उस निकाय में निहित है जिसे हम संसद कहते हैं।
भारत के संविधान के अनुसार संघीय विधानमंडल को संसद कहा गया है। संसद ही वह धुरी है, जो देश के शासन की नींव है। भारतीय संसद राष्ट्रपति और दोनों सदनों राज्य सभा और लोक सभा से मिलकर बनी है। संसद की इसी महत्ता को समझते हुए हर साल 30 जून को अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस मनाया जाता है। 30 जून, 1889 में अंतर-संसदीय संघ की स्थापना हुई थी और इसी दिन को साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस मनाने का फैसला एक प्रस्ताव के माध्यम से किया। अंतर-संसदीय संघ का उद्देश्य पुरी दुनिया में शांति एवं सहयोग के साथ संसदीय संवाद को कायम करते हुए लोकतंत्र को मजबूत बनाना है।