अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस
अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस
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विवरण | अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस का उद्देश्य आधुनिक समाज में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के साथ हो रहे भेद-भाव को समाप्त किया जाना है। |
तिथि | 3 दिसम्बर |
स्वीकृति | सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 3 दिसंबर 1991 से प्रतिवर्ष अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस को मनाने की स्वीकृति प्रदान की थी। |
अन्य जानकारी | प्रसिद्ध वैज्ञानिक हाकिंस भी कृत्रिम यंत्रों के सहारे सुनते, पढ़ते थे, लेकिन आज वह भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के सबसे श्रेष्ठ वैज्ञानिक माने जाते हैं। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस (अंग्रेज़ी: International Day of Disabled Persons) 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को देश की मुख्य धारा में लाने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2013 हेतु अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस का थीम- "बाधाओं को तोड़ें, दरवाज़ों को खोलें: सभी के लिये एक समावेशी समाज और विकास" था।
उद्देश्य
अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस का उद्देश्य आधुनिक समाज में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के साथ हो रहे भेद-भाव को समाप्त किया जाना है। इस भेद-भाव में समाज और व्यक्ति दोनों की भूमिका रेखांकित होती रही है। भारत सरकार द्वारा किये गए प्रयास में, सरकारी सेवा में आरक्षण देना, योजनाओं में विकलांगो की भागीदारी को प्रमुखता देना, आदि को शामिल किया जाता रहा है।
मुख्य बिंदु
- सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 3 दिसंबर 1991 से प्रतिवर्ष अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस को मनाने की स्वीकृति प्रदान की थी।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के रूप में घोषित किया था।
- सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने सयुंक्त राष्ट्र संघ के साथ मिलकर वर्ष 1983-92 को अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस दशक घोषित किया था।
- भारत में विकलांगों से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आधीन होता है।
- संगम योजना का संबंध भारत में विकलांगों से संबंधित है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस विश्वभर में मनाया गया (हिंदी) जागरण जोश। अभिगमन तिथि: 16 मार्च, 2014।
- ↑ विश्व विकलांग दिवस (हिंदी) Bhaiyyudada blog। अभिगमन तिथि: 16 मार्च, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
- विकलांगता पर भारी जीने का जज्बा ( आज विश्व विकलांगता दिवस)
- विश्व विकलांग दिवस
- विश्व विकलांग दिवस पर एक विशेष रिपोर्ट